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जांच के नाम पर आसमान तले रह रहे हैं लोग

जांच व फोटोग्राफी के बाद मिला कार्यादेश निर्माण शुरू करने के बाद राशि के लिए भटक रहे कई लोग सहरसा : नगर परिषद क्षेत्र के सभी चालीस वार्ड में रह रहे गरीब परिवार के लोगों को पक्का आवास मुहैया कराने की सरकारी कवायद स्थानीय अधिकारियों की सुस्ती की बलि चढ़ रही है. विगत आठ माह […]

जांच व फोटोग्राफी के बाद मिला कार्यादेश

निर्माण शुरू करने के बाद राशि के लिए भटक रहे कई लोग
सहरसा : नगर परिषद क्षेत्र के सभी चालीस वार्ड में रह रहे गरीब परिवार के लोगों को पक्का आवास मुहैया कराने की सरकारी कवायद स्थानीय अधिकारियों की सुस्ती की बलि चढ़ रही है. विगत आठ माह पूर्व स्थलीय जांच, फोटोग्राफी करने के बाद लाभुकों को नगर परिषद द्वारा शिविर लगा कार्यादेश भी दे दिया गया था. कार्यादेश के अनुसार प्रत्येक लाभुक को किश्त के अनुसार भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा प्रदत दो लाख रुपये में 50-50 हजार की राशि पासबुक में दी जायेगी. जिसके बाद लाभुक पुराने मकान की जगह नये पक्का मकान निर्माण में लगने वाले शेष लागत की राशि स्वयं वहन करेंगे.
लाभुकों के चयन में आर्थिक जनगणना सहित उसके मौजूदा स्थिति का अवलोकन भी जांच टीम द्वारा किया गया था. हालांकि इसके बावजूद जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित टीम द्वारा भी उक्त लाभुकों की पुन: जांच कर रिपोर्ट समर्पित किये जाने के बावजूद प्रधानमंत्री सबका आवास निर्माण योजना शहरी क्षेत्र में शुरू नहीं हो सकी है. कार्यादेश मिलने के बाद से लगभग छह महीना बीत जाने के बाद भी नगर परिषद द्वारा आवास लाभुकों के खाते में राशि निर्गत नहीं की गयी है. इस वजह से लाभुकों के बीच असंतोष है.
पहली को मिली नहीं, दूसरे कतार में: आवास योजना को लेकर नगर परिषद की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले चरण में चिन्हित लाभुकों को योजना का लाभ शीघ्र उपलब्ध कराने के बजाय दूसरे चरण के आवास आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार आवास निर्माण योजना में सहरसा नगर परिषद फिसड्डी साबित हो रही है. हालांकि इस मामले को लेकर वार्ड पार्षद भी राज्य के वरीय अधिकारी को शिकायत के मूड में हैं.
शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों को नहीं मुहैया हुई राशि
हजार लोगों को मिलनी है राशि
शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में पहले चरण के दौरान 25 लाभुकों को आवास योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया था. जिसके बाद हुई कागजी प्रक्रिया के बाद उन्हें तीन किश्तों में नप द्वारा राशि भुगतान किया जाना था. इसके लिए जांचोपरांत पुराने कच्चे मकान को तोड़ नये सिरे से मकान निमार्ण की स्वीकृति देते कार्य शुरू करने का आदेश भी दिया गया था. इस योजना में खाद्य सुरक्षा के तहत आने वाले गरीब लोगों को शामिल किया गया था. कई लाभुकों ने बताया कि नप के आदेश के अनुसार मकान तोड़ने के बाद की गयी फोटोग्राफी को आधार मान कार्यादेश दिया गया था. जिसके बाद आवास निर्माण भी शुरू कर दिया गया. लेकिन अब प्रोत्साहन राशि देने के बजाय उक्त योजना से नाम काट सरकारी सहायता से वंचित भी किया जा रहा है. ज्ञात हो कि राशि निर्गत करने में देरी की वजह से कई लाभुक कर्ज लेकर भी पुन: मकान निर्माण शुरू कर चुके हैं.
नगर परिषद के सभी वार्डों में की गयी जांच के बाद जिला द्वारा रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से राशि निर्गत नहीं की गयी है. रिपोर्ट समर्पित होते ही भुगतान प्रक्रिया तेज कर दी जायेगी.
-दिनेश राम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद सहरसा

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