बंदी के बाद भी हर माह एक करोड़ रुपये की बिकती है शराब

कोटपा की तरह शराबबंदी भी जिले में बेअसर सहरसा : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के नाम पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. जबकि सच्चाई यह है कि शराब के चाहने वालों पर बंदी का कोई असर नहीं पड़ा है. शराब पाना अब पहले से भी आसान हो गया है. थोड़ी अधिक कीमत दे पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2017 2:08 AM

कोटपा की तरह शराबबंदी भी जिले में बेअसर

सहरसा : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के नाम पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. जबकि सच्चाई यह है कि शराब के चाहने वालों पर बंदी का कोई असर नहीं पड़ा है. शराब पाना अब पहले से भी आसान हो गया है. थोड़ी अधिक कीमत दे पांच से दस मिनट में निर्धारित जगह पर यह उपलब्ध हो जा रही है. एक ओर सरकार ने राजस्व की लालसा त्याग दी है तो दूसरी ओर अवैध कारोबार के जरिये सीधा राजस्व कारोबारियों की जेब में जा रहा है.
वायरल वीडियो पर नहीं लिया संज्ञान
शराबबंदी के समर्थन में बीते 21 जनवरी को मानव शृंखला में स्टेडियम में शामिल होने आयी मुस्कान समूह की एक महिला गया देवी का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें वह चिल्ला-चिल्ला कर कहती रही कि बंदी के बाद भी बैजनाथपुर, सहरसा, सुपौल सभी जगह अब पहले से अधिक और खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है. लोग शराब पीते हैं. शराब के नशे में लोग गाली-गलौज सहित आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
लेकिन न तो वहां मौजूद किसी अफसर ने संज्ञान लिया और न ही वायरल वीडियो को देखने के बाद ही किसी अधिकारी ने कार्रवाई की. यही हाल जिले के सभी प्रखंड से लेकर पंचायतों का है. जहां अवैध रूप से शराब उपलब्ध कराने वालों का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. स्थानीय पुलिस को भी इन सारी बातों की जानकारी होती है. लेकिन वे कार्रवाई करने से अपना हाथ खींचते रहे हैं.
डेढ़ करोड़ की बिक रही है शराब
बिहार सरकार घूम-घूम शराबबंदी के कानून का प्रचार अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में कर रही है. लेकिन सार्वजनिक जगहों पर किसी भी तरह की नशीली चीजों की बिक्री नहीं करने के लिए बनाये गये कोटपा कानून की तरह ही इसका भी हश्र हो गया है. विधायिका ने तो कानून बना दिया. लेकिन कार्यपालिका उसे लागू करने में असमर्थ साबित हो रही है. अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वाले सूत्रों के अनुसार शराबबंदी के बाद जिले में एक महीने में सवा से डेढ़ करोड़ रुपये की शराब की खपत हो रही है.
बताया कि सिर्फ पहली जनवरी को शहर में एक करोड़ की शराब बिकी. सूत्र ने यह भी बताया कि बंदी के बाद इससे जुड़े कई कारोबारी मामामाल हो गए हैं. जो कल तक साइकिल या बाइक से चलते थे. आज फोर व्हीलर मेंटेन कर रहे हैं. हाल ही में सांसद पप्पू यादव ने भी सार्वजनिक मंच से यह कहा कि बिहार में प्रतिबंध के बाद भी खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है.

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