योजनाओं में गड़बड़ी की पोल खुली
निरीक्षण. जांच करने आयी दिल्ली से सेंट्रल टीम, मिलीं कई तरह की अनियमितताएं केंद्रीय टीम ने मनरेगा व अन्य योजनाओं की स्थलीय जांच की. इस दौरान टीम ने लाभुकों से पूछताछ की. बनमा इटहरी : प्रखंड के सहुरिया पंचायत के सहुरिया गांव में एनएलएन की टीम ने गुरुवार की शाम मनरेगा में अनियमितता उजागर की. […]
निरीक्षण. जांच करने आयी दिल्ली से सेंट्रल टीम, मिलीं कई तरह की अनियमितताएं
केंद्रीय टीम ने मनरेगा व अन्य योजनाओं की स्थलीय जांच की. इस दौरान टीम ने लाभुकों से पूछताछ की.
बनमा इटहरी : प्रखंड के सहुरिया पंचायत के सहुरिया गांव में एनएलएन की टीम ने गुरुवार की शाम मनरेगा में अनियमितता उजागर की. जॉब कार्डधारी का पता करने पर साफ स्पष्ट हुआ कि जॉब कार्डधारी की जगह दूसरे पंचायत के मजदूर ने काम किया है. मनरेगा से लेकर वृद्धा पेंशन में भी पंचायत सेवक ने लाभुक के नाम पर अपनी जेब भरी है. प्रखंड कार्यालय में सहुरिया पंचायत के सुगमा गांव की चंद्रकला देवी दस्तखत करती है. लेकिन वाउचर पर अंगूठे का निशान किसी और से लगवा कर वाउचर पास करवा लिया गया है. सांसद कोटे के आदर्श पंचायत में पदाधिकारी से लेकर पंचायत सेवक, रोजगार सेवक की मिलीभगत से स्थल पर काम हो या न हो,
लेकिन पदाधिकारी मालामाल जरूर हो रहे है. यह बात इस पंचायत में दिल्ली से पहुंची सेंट्रल टीम ने अपनी जांच में खुलासा किया. प्रखंड अंतर्गत आदर्श ग्राम पंचायत सहरिया के तरहा टोला वार्ड नंबर 12 एवं 13 में पंचायत विकास योजनाओं की केंद्रीय टीम ने गुरुवार को जांच की. जिस दौरान पंचायत में संचालित मनरेगा योजना, पेंशन योजना सहित अन्य योजनाओं में भी अनियमितता उभरकर सामने आयी. झोपड़ी में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की दुएवं आदर्श मध्य विद्यालय तरहा के प्रांगण में 2 वर्ष पूर्व मनरेगा योजना से हुई आधे-अधूरे कार्य से योजनाओं की पोल खुल गयी. पंचायत में मजदूरों को मनरेगा योजनाओं के तहत काम नहीं मिलने से जहां मजदूर दूसरे प्रदेश पलायन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ठेकेदारी प्रथा द्वारा कम मजदूरी देकर पंचायत में काम किये जाने पर भी असंतोष जताया. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पेंशन में हो रहे विलंब की शिकायत की. वहीं गांव के मजदूरों द्वारा 2 वर्षों से काम नहीं मिलने को लेकर आक्रोश जताते टीम से शिकायत की गयी.
मजदूर जवाहर चौधरी, बिलो चौधरी, प्रदीप चौधरी, देवनारायण मेहता, रामप्रवेश सादा, हरेराम पंडित, जयजय राम पंडित, नंदेलाल पंडित सहित दर्जनों मजदूरों ने बताया कि 3 वर्षों से हम लोगों को पंचायत में मनरेगा योजना के तहत काम नहीं मिल सका है. इस कारण हम लोग भुखमरी के कगार पर हैं. अधिकांश मजदूर तो रोजी रोटी की तलाश में परदेश पलायन भी कर चुके हैं. काम नहीं मिलने के कारणों का खुलासा करते हुए मजदूरों ने बताया कि इस पंचायत में मनरेगा का काम ठेकेदारी प्रथा द्वारा करायी जाती है. टीम के सदस्यों ने इन सभी शिकायतों पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया.