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सहकर्मी ले रहा था रंगदारी

दुस्साहस. पीड़ित जवान ने कहा, हर महीने लेता था तीन हजार सहरसा : सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात जवान भूतपूर्व सैनिक ने अपने ही सहकर्मी पर रंगदारी लेने का आरोप लगा सदर थाना में आवेदन दिया है. सदर थानाध्यक्ष को दिये आवेदन में पीड़ित जवान ने कहा कि वह बीते वर्ष के आठ सितंबर […]

दुस्साहस. पीड़ित जवान ने कहा, हर महीने लेता था तीन हजार

सहरसा : सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात जवान भूतपूर्व सैनिक ने अपने ही सहकर्मी पर रंगदारी लेने का आरोप लगा सदर थाना में आवेदन दिया है. सदर थानाध्यक्ष को दिये आवेदन में पीड़ित जवान ने कहा कि वह बीते वर्ष के आठ सितंबर से अस्पताल सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्य कर रहा है. मेरी नियुक्ति नौ हजार रुपये मासिक वेतन पर हुई थी
. स्थानीय संचालक चंदन कुमार प्रतिमाह छह हजार रुपये देकर बाकी का पैसा एरियर के रूप में मिलने की बात कहता है. लेकिन छह माह बीतने के बाद भी बाकी पैसा नहीं मिला. वहीं छह हजार रुपये में से भी रंगदारी टैक्स हरेक महीना ले लेता है. विरोध करने पर जहां रिपोर्ट करना है करो की धमकी देता है. जबकि वह सिविलियन है.
यहां सिविलियन गार्ड की कोई आवश्यकता नहीं है. यह आदेश डीएम व सीएस का है. बावजूद चंदन कुमार रंगदारी लेकर उचित पैसा भी नहीं देता है. धमकी देता है कि वह कर्नल साहब का आदमी है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.
कहीं सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो नहीं?
सदर अस्पताल की सुरक्षा को सुढृढ़ बनाने के लिए सुरक्षा में तैनात होमगार्ड जवान को हटा कर निजी सुरक्षा एजेंसी को सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गयी थी. लेकिन इसमें भी चूक अस्पताल के सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है. जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा टेंडर कर पटना के एलाइट सिक्यूरिटी को अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गयी. जानकारी के अनुसार, एक जून से एजेंसी ने सुरक्षा की जिम्मेवारी भी संभाल ली. लेकिन सुरक्षा में लगी एजेंसी के कार्यकलाप की जांच नहीं होने के कारण निर्धारित संख्या व रिटायर्ड जवान की जगह सिविलियन को भी तैनात कर दिया गया है. यदि समय रहते कार्रवायी नहीं हुई तो जिस उद्देश्य से निजी एजेंसी को सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गयी है, वह धरातल पर नहीं उतर पायेगा.
मानक पर खरी नहीं एजेंसी
अस्पताल की सुरक्षा व आकस्मिक परिस्थिति से निबटने के लिए पटना के एलाइट एजेंसी को सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंप स्वास्थ्य विभाग अपने कर्तव्य को पूरा कर रही है. अधिकारियों को उसके कार्यकलाप के निरीक्षण करने का समय नहीं है.

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