सिमरी बख्तियारपुर से भी जुड़े चर्चित यौन शोषण मामले के तार
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) : बीते साल दिसंबर महीने से पूरे बिहार में चर्चा का विषय बने पूर्व मंत्री की बेटी के यौन शोषण मामले के तार अब सिमरी बख्तियारपुर से जुड़ता नजर आ रहा है, जिससे एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में आ गया है. जांच के अहम बिंदू के अनुसार मामले की पीड़िता […]
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) : बीते साल दिसंबर महीने से पूरे बिहार में चर्चा का विषय बने पूर्व मंत्री की बेटी के यौन शोषण मामले के तार अब सिमरी बख्तियारपुर से जुड़ता नजर आ रहा है, जिससे एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में आ गया है. जांच के अहम बिंदू के अनुसार मामले की पीड़िता ने सिमरी बख्तियारपुर के सोनपुरा कन्या मध्य विद्यालय में 2007 से 2010 तक पढ़ाई की थी.
एसआइटी की टीम पहुंची सिमरी
यौन शोषण मामले में गठित एसआइटी की टीम शुक्रवार की सुबह पटना से सोनपुरा कन्या मध्य विद्यालय पहुंची. टीम ने जरूरी कागजातों की जांच-पड़ताल व प्रधानाध्यापक से पूछताछ की. एसआइटी की टीम विद्यालय में करीब एक घंटे तक रुकी और इस दौरान उन्होंने विद्यालय के नामांकन पंजी, टीसी पंजी आदि की भी जांच की और पीड़िता से जुड़ी पूरी जानकारी को खंगालने का प्रयास किया. इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि एसआइटी की टीम जरूरी जानकारी को एकत्र करने के उद्देश्य से आयी थी. जिन्हें पूरी तरह से सहयोग किया गया. वहीं एसआइटी ने केस से जुड़े मामले में मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया.
एक साथ तीन विद्यालय, एक छात्रा : पूर्व मंत्री की बेटी के यौन शोषण मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता के संबंध में एक चौंकाने वाली बात सामने आयी है. शुरुआती जांच में पीड़िता द्वारा पटना के नेट्रोडेम पब्लिक स्कूल, मुजफ्फरपुर के पारा माउंट एकेडमी सहित सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत सोनपुरा कन्या मध्य विद्यालय में पढ़ाई की बात सामने आयी है. इसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर एक छात्रा कैसे और क्यों तीन जगह एक साथ शिक्षा ग्रहण कर रही थी. शुक्रवार को इस मामले की जांच करने पहुंची एसआइटी की टीम ने सोनपुरा कन्या मध्य विद्यालय से नामांकन पंजी सहित टीसी पंजी आदि की फोटो कॉपी भी ली, जिससे इस मामले के तह तक पहुंचा जा सके.
कहीं टीसी फर्जी तो नहीं
पूर्व मंत्री की बेटी के यौन शोषण के मामले में सोनपुरा कन्या मध्य विद्यालय की चर्चा एक ट्रांसफर सार्टिफिकेट से शुरू हुई है, जो इस स्कूल का बताया जाता है. यह टीसी यानी ट्रांसफर सर्टिफिकेट पीड़िता का है. इसमें पीड़िता की उम्र सात मार्च 1998 अंकित है. वहीं स्कूल में नामांकन की तिथि तीन मई 2007 है, जबकि स्कूल लिविंग डेट 31 मार्च 2010 है. टीसी में एडमिशन सीरियल नंबर 71 है.
टीसी निर्गत करनेवाले में हेडमास्टर बसंत कुमार वर्मा का हस्ताक्षर है और निर्गत तिथि पांच अप्रैल 2010 लिखा है. जबकि स्कूल प्रशासन बताता है कि बसंत कुमार उस समय स्कूल के प्राचार्य नहीं, बल्कि सहायक शिक्षक थे. साल 2010 में स्कूल के प्राचार्य क्रांति कुमार सिंह थे. स्कूल के कागजात पर गौर करें तो स्कूल के नामांकन पंजी के सीरियल नंबर 71 में छात्रा की बजाय सौरव कुमार नाम के छात्र का नाम लिखा है. वहीं टीसी के काउंटर फाइल में निर्गत करनेवाले की जगह हेडमास्टर क्रांति कुमार सिंह का हस्ताक्षर व निर्गत तिथि नौ अप्रैल 2010 अंकित है.