12 घंटे बाद जुगाड़ पुल पर परिचालन शुरू
सिमरी : सहरसा-खगड़िया सीमा पर स्थित और कोसी क्षेत्र के लाइफ लाइन के नाम से विख्यात जुगाड़ पुल पर लगभग बारह घंटे की जद्दोजहद के बाद बुधवार सुबह ग्यारह बजे से एक बार फिर से जुगाड़ पुल से वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. जिसके बाद नाविकों सहित प्रशासन ने चैन की सांस ली. मंगलवार […]
सिमरी : सहरसा-खगड़िया सीमा पर स्थित और कोसी क्षेत्र के लाइफ लाइन के नाम से विख्यात जुगाड़ पुल पर लगभग बारह घंटे की जद्दोजहद के बाद बुधवार सुबह ग्यारह बजे से एक बार फिर से जुगाड़ पुल से वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. जिसके बाद नाविकों सहित प्रशासन ने चैन की सांस ली.
मंगलवार रात बंद हुआ था परिचालन: मंगलवार रात बागमती नदी पर 63 नाव को जोड़ कर बने जुगाड़ पुल में मरम्मत के लिए रात लगभग ग्यारह बजे से सुबह ग्यारह बजे तक परिचालन बाधित रहा. इस दौरान बुधवार सुबह यात्रियों के बीच अफरातफरी मची रही और पुल के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया. हालांकि नाविकों की कड़ी मेहनत की वजह से ही वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. ज्ञात हो कि इस वर्ष जुगाड़ पुल कईयों बार ठप हुआ.
साल की शुरुआत में छह जनवरी की संध्या सहरसा-खगड़िया सीमा पर स्थित जुगाड़ पुल का एक हिस्से बह जाने के बाद कोसी-बागमती के संगम पर जुगाड़ पुल पर विराम लग गया था. वहीं नाविकों ने युद्धस्तर से कार्य कर कुछ दिनों बाद नौका पुल को फिर से दुरुस्त किया. जिससे आवाजाही सामान्य हुई. उसके बाद फरवरी में भी जुगाड़ पर ब्रेक लग गया था और फिर मार्च में भी जुगाड़ के नाव के टूट जाने के बाद जुगाड़ पर परिचालन रुक गया था.
ज्ञात हो कि क्षतिग्रस्त बीपी मंडल सेतु के बगल में नौकाओं को जोड़कर यह अस्थायी पुल बनाया गया है. जो दो जिलों के लोगों को जोड़ता है. इस जुगाड़ के बंद होने से सहरसा के सोनवर्षा राज और खगड़िया के बेलदौर की लाखों की आबादी के समक्ष आवागमन का संकट गहरा जायेगा. साथ ही सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले के लोगों का राजधानी से सुगम सड़क संपर्क भी काफी हद तक प्रभावित होगा.