शराब का भी चलता है दौर

परेशानी. बस स्टैंड का बदहाल शेड बना जुआरियों का अड्डा शहर के बस स्टैंड में न तो यात्रियों के लिए कोई सुविधा है और न ही बस लगाने की ही सही व्यवस्था है. यहां बने यात्री शेड में नशेड़ियों के अलावे असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. इसका अतिक्रमण कर झोपड़ी खड़ी हो गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2017 5:22 AM

परेशानी. बस स्टैंड का बदहाल शेड बना जुआरियों का अड्डा

शहर के बस स्टैंड में न तो यात्रियों के लिए कोई सुविधा है और न ही बस लगाने की ही सही व्यवस्था है. यहां बने यात्री शेड में नशेड़ियों के अलावे असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. इसका अतिक्रमण कर झोपड़ी खड़ी हो गयी है. ऐसी स्थिति में यहां बस पकड़ने आने वाले यात्री परेशान होते हैं.
सहरसा : शहर का बस स्टैंड दशकों से बदहाल है. यहां न तो बसों के लिए कोई सुविधा है और न ही यात्रियों की सुविधा का ही कोई ख्याल रखा गया है. इसकी सूरत बदलने का कोई प्रयास भी नहीं हो रहा है. जबकि यह बस स्टैंड नप को सलाना लाखों रुपये का राजस्व दे रहा है.
नप नहीं ले रहा सुध
लगभग 15 साल पूर्व बस स्टैंड का यात्री शेड जर्जर हो गया था. तब से लेकर आज तक इसकी मरम्मत की कभी पहल नहीं की गयी. नगर परिषद की घोर लापरवाही से वर्षों पूर्व जर्जर हुआ यह शेड किसी लिहाज से यात्रियों के बैठने लायक नहीं है. आज हालत यह है कि पूरा का पूरा शेड सूअरों के बाड़ और जुआरियों के अड्डे में तब्दील हो गया है. यहां अहले सुबह से देर रात तक सूअरों की धमाचौकड़ी मचती रहती है तो जगह-जगह ताश के पत्तों पर जुए की बोली लगती रहती है. और तो और अब इस शेड में ताड़ी और शराब का भी दौर चलता रहता है. यह शराबी, जुआरियों के अलावे असामाजिक तत्वों का भी अड्डा बन गया है. लेकिन इसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है.
कचरों से भरा है नाला
निर्माण के बाद से ही बस स्टैंड और इसका यात्री शेड नगर परिषद की लापरवाही का शिकार रहा है. वर्षों पूर्व शेड की पश्चिमी दीवार टूट गई. जिसे तत्काल मरम्मत नहीं करायी गयी. आज पूरी दीवार ही गायब है. वर्षों से शेड के टिन का छप्पर पानी टपक रहा है. शेड को देख कर यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि यहां बीते कितने वर्षों से सफाई नहीं की गयी है. यात्री शेड के ठीक आगे पानी निकासी के लिए नाला बना हुआ है. जो कूड़े-कचरों से पटा है. नाले का न कोई ओर नजर आता है और न ही कोई छोर. यात्री शेड पूरी तरह अतिक्रमित किया जा चुका है. अवैध रूप से लोगों ने झोपड़ी तक खड़ी कर ली है. शेड के ठीक पूरब अवैध व अनाधिकृत रूप से गुमटियां भी सज गयी है. जिससे बस स्टैंड में यात्री शेड होने का कोई अस्तित्व भी नजर नहीं आता है.

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