सहरसा : बिहार के सहरसा में सदर थाना क्षेत्र के बंगाली बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक के हेइ अहमद, कैशियर अमृता व एसबीआइ के खाताधारक राजेश कुमार पर फर्जी दस्तखत कर खाता से 34 हजार की अवैध निकासी को लेकर सौरबाजार थाना क्षेत्र के कांप निवासी उदय साह ने सदर थाना में मामला दर्ज करवाया है.
सदर थानाध्यक्ष को दिये आवेदन में खाताधारक ने कहा कि बीते 20 मार्च को वह अपने खाता से 40 हजार की निकासी करने बैंक शाखा गया. जहां बनगांव थाना क्षेत्र के वासुदेवा निवासी राजेश कुमार झा से निकासी फार्म भरने में मदद मांगा. उसने फार्म भर दिया तो वह निकासी कर अपने घर चला गया. लेकिन राजेश झा चालाकी से एनइएफटी फार्म भर कर उसका जाली दस्तखत कर मैनेजर व कैशियर की मिलीभगत से बीस मार्च को ही उसके खाता से राजेश झा अपने एसबीआइ खाता में ट्रांसफर कर लिया.
मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व ही शिवलोचन पासवान ने भी 45 हजार अवैध तरीके से राजेश झा के खाता में ट्रांसफर करने का मामला दर्ज करवाया था.
प्रबंधक देते रहे आश्वासन
पीड़ित खाताधारक ने कहा कि बीते 13 अप्रैल को अपने खाता में 44 हजार रुपया जमा करने के बाद पासबूक अद्यन करवाया तो पता चला कि राजेश झा ने जालसाजी कर अपने खाता में 34 हजार ट्रांसफर कर लिया है. जिसके बाद मामले की जानकारी लिखित रूप में प्रबंधक को दी गयी तो उन्होंने रुपया दिलवाने का आश्वासन दिया. प्रबंधक लगातार उसे आश्वासन देते रहा. जिसके बाद राजेश झा का पता कर उसके घर गया तो पहले वह वापस कर देने की बात कही. कुछ दिन बाद वापस करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद थक हारकर वह थाना में मामला दर्ज करवाया है. शिवलोचन पासवान ने भी यही बात कही थी.
लगातार सामने आ रहा है मामला
बैंक ऑफ इंडिया पर लगातार फर्जी तरीके से खाता से पैसा ट्रांसफर होने का मामला सामने आ रहा है. कुछ दिन पूर्व ही शिवलोचन पासवान ने भी सदर थाना में आवेदन देकर खाता से 45 हजार रुपया फर्जी तरीके से राजेश झा के खाता में ट्रांसफर करने का आरोप लगा चुका है. जिसके बाद उदय साह ने 34 हजार का आरोप लगाया है. इस तरह के लगातार मामला सामने आने के बाद बैंक के ग्राहक सशंकित है. ग्राहकों ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
इस संबंध में प्रभारी शाखा प्रबंधक, अर्पणा मिश्रा ने कहा कि निकासी पर्ची पर हस्ताक्षर होने के कारण उस खाता से एनइएफटी किया गया है. जिस तिथि की यह घटना बता रहे है, उसके बाद वह कई बाद जमा व निकासी किये है. यदि इस तरह का मामला था तो उन्हे पूर्व में शिकायत करनी चाहिये थी.
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