गर्मी के कारण प्रार्थना के दौरान एक छात्र बेहोश
प्रखंड क्षेत्र के खजुराहा पंचायत स्थित मध्य विद्यालय भवड़ा में बुधवार को भीषण गर्मी के कारण प्रार्थना के दौरान एक छात्र बेहोश होकर गिर पड़ा.
सोनवर्षाराज. प्रखंड क्षेत्र के खजुराहा पंचायत स्थित मध्य विद्यालय भवड़ा में बुधवार को भीषण गर्मी के कारण प्रार्थना के दौरान एक छात्र बेहोश होकर गिर पड़ा. जिसके बाद मौजूद शिक्षक- शिक्षिकाओं ने आनन फानन में छात्र को पानी का छींटा देकर होश में लाया. कुछ देर बाद छात्र की स्थिति सामान्य होने पर सूचना पर पहुंचे परिजन के साथ घर भेज दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार खजुराहा पंचायत स्थित मध्य विद्यालय भवड़ा में प्रार्थना के दौरान वर्ग सात का छात्र दिलवर कुमार बेहोश होकर गिर पड़ा. जिसके बाद शिक्षक शिक्षिकाओं ने बेहोश छात्र को संभाल पानी का छींटा दिया. जिसके कुछ देर बाद छात्र की स्थिति सामान्य हुई. जिसके बाद सूचना पर पहुंचे परिजन छात्र को अपने साथ घर ले गये. ………………………………………………………………………………………………….. दिन हो या रात, मच्छरों के आतंक से लोग परेशान बढ़ गयी है बीमारियों के फैलने की आशंका जगह-जगह गंदगी का अंबार व नाले का जमा पानी मच्छरों के पनपने की मुख्य वजह सहरसा बदलते मौसम से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. दिन हो या रात मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं. इस कारण बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गयी है. जगह-जगह गंदगी का अंबार व नाले का जमा पानी मच्छरों के पनपने की मुख्य वजह है. शहर में जगह-जगह कचरा फैला है व सड़कों पर नाले का पानी जमा है. नाले की समय समय-समय पर सफाई नहीं की जाती है. जिसके कारण नाले का जमा पानी मच्छरों का बसेरा बना हुआ है. एक तो उमस भरी गर्मी, उस पर मच्छरों का आतंक लोगों को रात में सोने नहीं दे रहा है. जिसके कारण दिन भर काम करने वाले लोगों को दूसरे दिन सुस्ती रहती है व कार्य करने का मन नहीं करता है. मच्छरदानी लगाकर कर सोने के बाद पंखा का हवा मच्छरदानी के अंदर नहीं जाता है. जिसके कारण उमस व गर्मी से लोग सो नहीं पाते हैं. मच्छरों से बचाव के लिए लोग हर तरह का प्रयोग कर रहे हैं. नगर निगम के पास फागिंग मशीन उपलब्ध है, लेकिन इसका इस्तेमाल कभी कभार मुख्य सड़कों पर दिखावे के लिए किया जाता है. गर्मी के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. शहर में गंदगी, नाले का गंदा पानी, जाम नाला की समस्या है, सफाई कर्मियों के नियमित न आने की वजह से गंदगी पसरी रहती है. नालियां गंदे पानी से उफनती नजर आती है और पानी सड़क पर बहता रहता है. इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवाओं के छिड़काव को लेकर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. मच्छर के आतंक का आलम यह है कि रात नहीं, दिन में भी इसका प्रकोप जारी रहता है. संध्या होते ही लोगों का किसी स्थान पर बैठना मुश्किल हो जाता है. घर हो या दुकान, हर जगह मच्छरों का आतंक बढ़ गया है. सुबह हो या शाम मच्छरों का हमला शुरू हो जाता है. इसके कारण संक्रमण का खतरा, डेंगू, मलेरिया बीमारी के भय से लोग दिन में भी मच्छरदानी व मच्छर भगाने वाले क्वायल का प्रयोग करते हैं. चिकित्सकों की मानें तो मच्छर मारने वाले क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. इससे दमा, सांस संबंधित रोग व मानसिक रोग से लोग पीड़ित होते हैं. लोग अगर मच्छरों के बचाव के लिए निजी इंतजाम नहीं करें तो घंटे दो घंटे भी शांति से नहीं बैठ सकते हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे बच्चों व पढ़ाई करने वाले छात्रों को हो रही है. लोगों ने स्वास्थ विभाग व नगर निगम से मच्छरों के आतंक से मुक्ति की मांग की है.
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