Saharsa news : पिछले तीन दिन हुई भारी बारिश व कोसी बराज से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने को लेकर जिला प्रशासन ने हाइ अलर्ट घोषित कर दिया है. अधिकारियों की छुट्टी तक रद्द करते हुए सभी को हाइ अलर्ट पर रखा गया है. खासकर तटबंध के अंदर बसे लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. शनिवार को जिला प्रशासन की टीम पल-पल की जानकारी के साथ अलर्ट मोड में दिखी. कोसी बांध की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों की फौज जुटी है. हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं. जिला आपदा प्रभारी संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि बांध के अंदर पानी नियंत्रण की स्थिति में है. हर पल की जानकारी ली जा रही है. आपदा प्रबंधन विभाग किसी भी परिस्थिति के लिए पूरी तैयारी में है. अभी कहीं भी किसी तरह के खतरे की बात नहीं है. विभागीय निर्देश के आलोक में डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों एवं संबंधित कर्मियों को तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया है. तटबंध के अंदर बसे लोगों से ऊंचे स्थान पर जाने का आग्रह किया गया है.
तटबंधों की लगातार की जा रही निगरानी
डीएम वैभव चौधरी ने बताया कि भारी बारिश व बराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के मद्देनजर हाइ अलर्ट जारी किया गया है. सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर, नवहट्टा, महिषी, सलखुआ प्रखंड के तटबंध के अंदर बसे लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने के लिए कहा गया है. तटबंध के अंदर बसे लोगों को अलर्ट करने के लिए माइकिंग करायी जा रही है. संभावित बाढ़ के मद्देनजर पशुओं को भी ऊंचे स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया गया है. चारा व अन्य की व्यवस्था की जा रही है. तटबंध की सुरक्षा को लेकर भी चाक चौबंद व्यवस्था की गयी है. इंजीनियरों को लगातार तटबंध की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. चंद्रायण डिवीजन व कोपरिया डिवीजन को विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है.
हर स्थिति पर जिला प्रशासन की पैनी नजर
डीएम ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. प्रभावित क्षेत्रों में कम्युनिटी किचन भी चलाया जायेगा. इसकी तैयारी कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि जिले के लोगों को किसी भी परिस्थिति में परेशान नहीं होने दिया जायेगा. तटबंध के अंदर अधिकारियों की तैनाती की गयी है. जिला प्रशासन सभी चीजों पर पैनी नजर रख रहा है. जिले की 49 पंचायतें आंशिक व पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें तीन लाख से अधिक आबादी रहती है. ऐसे में नेपाल से कोसी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट पर है. वहीं कोसी नदी में निरंतर बढ़ते जल स्तर को देखते हुए सामान्यत: बाढ़ से प्रभावित होनेवाले क्षेत्रों में बाढ़ से सुरक्षा एवं राहत संबंधित कार्य युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर दिया गया है.सलखुआ समेत अन्य जगहों पर सामुदायिक रसोई घर के लिए स्थल चिह्नित कर लिया गया है.
लगातार बारिश होने से और बढ़ी हैं मुश्किलें
नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश व पानी के दबाव के कारण कोसी बराज से अत्यधिक मात्रा में जलनिकासी की खबर से महिषी क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है. एक दिन में बराज से की गयी जलनिकासी का पिछला सारा रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया है. पिछले पांच दशक में इतनी मात्रा में डिस्चार्ज नहीं छोड़ा गया था. गंगा पूर्व से ही उफान पर है व कोसी के पानी के गंगा में निकासी नहीं हुई, तो बाढ़ का तांडव तबाही मचा देगा. पानी के दबाव में तटबंधों पर भी खतरा उत्पन्न होने की आशंका से तटबंध के बाहर के लोग भी सहमे हैं. संभावित खतरे की आशंका से अधिकारियों में भी बेचैनी का आलम है. अंचलाधिकारी अपनी टीम के साथ सभी संवेदनशील जगहों का मुआयना कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने की अपील कर रहे हैं. ऊपर आसमान में मंडराते बादल व बारिश से लोग सहमे हैं.
रेलवे की 24 घंटे निगरानी शुरू
लगातार चार दिनों से मूसलाधार बारिश को लेकर कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद रेलवे भी अलर्ट पर है. रेलवे ने 24 घंटे निगरानी शुरू कर दी है. हालांकि रेल अधिकारियों के मुताबिक शनिवार दोपहर पानी छोड़े जाने के बाद कोसी रेल ब्रिज तक पानी पहुंचने में 24 घंटे से अधिक समय लगेगा.धमारा घाट और कोपरिया, बदला घाट तक सभी कोसी रेल ब्रिज पर रेल इंजीनियरों को तैनात कर दिया गया है. 24 घंटे पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गयी है. निर्मली, झंझारपुर, सुपौल, सरायगढ़ आदि निचले क्षेत्र में भी ट्रैक पर पानी आने की आशंका बन सकती है. इसे लेकर इस रेलखंड पर भी 24 घंटे विशेष चौकसी बरती जा रही है.
रेलवे हर परिस्थिति से निबटने के लिए तैयार
नेपाल में भारी बारिश के बाद शनिवार को दोपहर 12 बजे के बाद सवा 6 लाख क्यूसेक पानी कोसी बराज से छोड़ जाना था, लेकिन शनिवार देर शाम तक 5 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसको लेकर नेपाल से सटे सभी जिलाें को शुक्रवार की रात ही अलर्ट कर दिया गया था. प्रदेश सरकार ने भी इसको लेकर चिट्ठी जारी कर दी थी. रेलवे को भी सूचना दे दी गयी है. सूचना मिलने के बाद रेलवे अलर्ट पर है. कोसी रेल ब्रिज पर 24 घंटे निगरानी इंजीनियरों द्वारा शुरू कर दी गयी है. अधिकारियों के अनुसार कोसी रेल ब्रिज और रेलवे ट्रैक पूरी तरह से सुरक्षित है. पानी छोड़े जाने के 24 घंटे के बाद ही स्थिति बतायी जा सकती है. समस्तीपुर डिवीजन के रेल अधिकारियों ने बताया कि अगर पानी बढ़ता है, तो रेलवे हर परिस्थिति से निबटने के लिए तैयार है.