एम्स सहरसा पर 12 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय में होगी सुनवाई
एम्स सहरसा पर 12 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय में होगी सुनवाई
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर होगा एम्स अस्पताल का निर्माणः कोशी विकास संघर्ष मोर्चा सहरसा . एम्स निर्माण संघर्ष समिति अध्यक्ष विनोद कुमार झा अधिवक्ता व पूर्व जिला पार्षद व संरक्षक प्रवीण आनंद ने कहा कि पिछले एक दशक से सहरसा में एम्स निर्माण की मांग की जा रही है. यह संघर्ष सड़क से सदन फिर उच्च न्यायालय एवं अब सर्वोच्च न्यायालय तक गुहार लगायी गयी है. दिल्ली के जंतर मंतर में कई बार धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री से मांग की गयी. देश के बीस सांसदों द्वारा हस्ताक्षर कर प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सहरसा में एम्स अस्पताल की मांग की गयी. बिहार विधानसभा में आधा दर्जन से अधिक विधायक ने भी एम्स की मांग विधानसभा में की. कई बार स्थानीय सांसद दिनेशचंद्र यादव द्वारा व वर्तमान पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा संसद भवन में एम्स की मांग की गयी. पूर्व सांसद आनंद मोहन ने भी सरकार से सहरसा में एम्स निर्माण की मांग की. एम्स निर्माण संघर्ष समिति द्वारा लगातार प्रयास से 217 एकड 74 डिसमिल भूमि राज्य सरकार को भेजा गया. सचमुच सहरसा जिला एम्स के सभी मानकों को पूरा करती है. जिलाधिकारी ने सहरसा की भूमि स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार को चिह्नित कर सभी भूमि प्रमाण भेजने के क्रम में उल्लेख भी किया. सर्वोच्च न्यायालय में कोसी विकास संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष विनोद झा व प्रवीण आनंद के याचिका संख्या 810/24 को एडमिट कर आदेश दिया था कि सरकार दरभंगा में एम्स के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा खारिज भूमि पर ही एम्स बनाने पर विचार कर रही है तो विस्तृत रिपोर्ट 23 जुलाई को प्रस्तुत करें. इस पर याचिकाकर्ता के सीनियर अधिवक्ता रतन कुमार सिंह ने न्यायालय से अनुरोध कर कहा था कि दरभंगा की दोनों भूमि खारिज है. सहरसा पर विचार किया जाये तो न्यायालय ने कहा कि पहले उन्हें रिपोर्ट देने दें, फिर सहरसा पर विचार किया जायेगा. इधर बिना सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान के सरकार दरभंगा में एम्स निर्माण का निर्णय ले लिया. जबकि न्यायालय में याचिका लंबित है. अगली सुनवाई 12 नवंबर को है. सरकार के जबाव के बाद विनोद झा एवं प्रवीण आनंद याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रत्युत्तर दाखिल किया जायेगा. सर्वोच्च न्यायालय पर कोसी वासियों को पूर्ण आस्था है कि सहरसा की जमीन का भी सुप्रीम कोर्ट निरीक्षण करवायेगी. तब जो जमीन उपयुक्त होगा, वहां एम्स अस्पताल बनाने की आदेश पारित होगा.
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