राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय में मनाया जा रहा है एंटी रैगिंग सप्ताह

राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय में मनाया जा रहा है एंटी रैगिंग सप्ताह

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 5:52 PM

विभिन्न प्रतियोगिता की गयी आयोजित, सफल बच्चों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किया जायेगा सम्मानित सहरसा . यूजीसी के निर्देश के आलोक में राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय में 12 से 18 अगस्त तक एंटी रैगिंग सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसमें विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसमें स्नातक, स्नातकोत्तर, शिक्षाशास्त्र, बीबीए व बीसीए के छात्र-छात्राएं काफी उत्साहित होकर भाग ले रहे हैं. एंटी रैगिंग डे के दिन मंगलवार को प्रधानाचार्य प्रो.डॉ अमरनाथ चौधरी, आइक्यूएसी कॉर्डिनेटर डॉ ललित नारायण मिश्र, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार झा, बीबीए कोर्डिनेटर डॉ बीडी चौधरी, शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ प्रतिष्ठा कुमारी, आइक्यूएसी सदस्य डॉ अक्षय कुमार चौधरी, डॉ आलोक कुमार झा, डॉ राजेश कुमार, डॉ बाबर खान, डॉ दिनेश कुमार, महाविद्यालय खेल प्रभारी डॉ अमित कुमार एवं अन्य प्राध्यापकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. प्रधानाचार्य डॉ अमर नाथ चौधरी ने कहा कि रैगिंग एक जघन्य अपराध है. काॅलेज प्रशासन महाविद्यालय परिसर में रैगिंग के किसी भी स्वरूप के प्रति जीरो टालरेंस रखती है. महाविद्यालय में एंटी रैगिंग सेल काम कर रही है. किसी भी छात्र-छात्राओं को लगे कि रैगिंग के तहत उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है तो वह अविलंब इसकी शिकायत सेल के सदस्यों से करे या इसकी सूचना प्रधानाचार्य व किसी भी प्रध्यापक को दें तो दोषी व्यक्ति पर बिना कोई देर किये दंडात्मक कार्रवाई प्रारंभ कर दी जायेगी. आइक्यूएसी कार्डिनेटर डॉ ललित नारायण मिश्र ने रैगिंग को भारतीय समाज के मूल भावना के विरुद्ध पश्चिमी देशों से एक आयातित प्रथा कहा. जिसमें सीनियर छात्रों द्वारा फ्रेशर के साथ मेल-मिलाप एवं परिचय बढ़ाने की आवश्यकता के नाम पर उनके साथ मजे लेने के लिए मानसिक उत्पीड़न, अश्लील हरकत व डराने, धमकाने का काम किया जाता है. रैगिंग की इस आयातित प्रथा से पीड़ित कई मेधावी छात्रों ने आत्महत्या करना शुरू किया तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे कानूनी अपराध घोषित किया. एंटी रैगिंग सप्ताह को मनाने का मुख्य उद्देश्य इस अमानवीय प्रथा को जड़ से उन्मूलन करने के हमारे सामूहिक प्रयास के लिए जागरूकता पैदा करना है. बीएड विभागाध्यक्ष डॉ प्रतिष्ठा कुमारी ने कहा कि रैगिंग में शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह के उत्पीड़न किये जाते हैं. इसमें मानसिक उत्पीड़न का पक्ष ज्यादा भयानक एवं वीभत्स है. डॉ अक्षय कुमार चौधरी ने कहा कि यूजीसी ने हाल में कुछ नयी गतिविधियों के अतिरिक्त अब सीनियर छात्रों के साथ साथ एक ही बैच के छात्रों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने को भी रैगिंग का अपराध माना है. एंटी रैगिंग सप्ताह के विभिन्न कार्यक्रमों में मंगलवार को पेंटिंग, पोस्टर, भाषण एवं क्वीज प्रतियोगिता आयोजित की गयी. निर्णायक मंडल के सदस्य समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ कविता कुमारी एवं बीएड संकाय के डॉ दिनेश कुमार ने पेंटिंग के निरीक्षण के बाद विशाल कुमार को प्रथम, नीरज कुमार को द्वितीय एवं वैदेही कश्यप को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया. भाषण एवं क्विज प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य बीएड की विभागाध्यक्ष डॉ प्रतिष्ठा कुमारी एवं अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक आलोक कुमार झा को बनाया गया. भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मनीष कुमार, द्वितीय पुरस्कार महिमा झा एवं तृतीय पुरस्कार विशाल कुमार को पुरस्कार प्रदान किया गया. क्विज प्रतियोगिता में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया. समूह एक समूह तीन के सदस्यों ने सभी प्रश्नों के सही उत्तर दिये तो निर्णायक मंडल ने दोनों ही समूहों को संयुक्त रूप से विजेता का पुरस्कार देने का निर्णय लिया. पुरस्कार वितरण 15 अगस्त के दिन झंडोत्तोलन मंच से किया जायेगा. मौके पर डॉ इंद्रकांत झा, डॉ अरविंद कुमार चौधरी, डॉ अमिष कुमार, डॉ सिंधु सुमन, डॉ अपर्णा कुमारी, डॉ पिंकी कुमारी, डॉ वीणा कुमारी मिश्रा, डॉ सुप्रिया कश्यप, डॉ कमला कांत झा, डॉ डेजी कुमारी, नवीउल इस्लाम, डॉ अखिलेश कुमार मिश्र, डॉ प्रीति कुमारी, डॉ बिलो राम, डॉ सुदीप कुमार झा, डॉ शोभाकात झा, डॉ निखिल कुमार, डॉ निकिता कुमारी, मनीष कुमार, खेल शिक्षक अमित कुमार, डॉ ललटु कुमार, डॉ रामकेवल सिंह, हिफाजत हुसैन, सुमित कुमार मिश्र, विनोद कुमार झा, रंधीर कुमार मिश्र, महानंद मिश्र, सोहराब, हैदर, सुशील कुमार मिश्र, सुधाकांत झा, प्रमोद कुमार झा, निरज कुमार सहित अन्य मौजूद थे.

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