पतरघट. तीस वर्ष बीत जाने के बाद भी पतरघट प्रखंड व अंचल कार्यालय को अब तक अपनी जमीन व भवन उपलब्ध नहीं हो पाने के लिए यहां के स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं. इस मामले के समाधान व अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर किए जाने को लेकर प्रदेश भाजपा विधि प्रकोष्ठ के सदस्य सह प्रखंड उपप्रमुख दिनेश प्रसाद यादव ने गुरुवार को बिहार सरकार के राजस्व व भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल को पत्र सौंपते प्रखंड व अंचल कार्यालय के लिए उपलब्ध जमीन में घोटाले का आरोप लगाया है. मंत्री को दिए आवेदन में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पतरघट प्रखंड व अंचल कार्यालय की जमीन खरीदने के लिए एक करोड़ 58 लाख राशि विमुक्त किया था. जिसमें राज्य सरकार का स्पष्ट दिशा निर्देश था कि उक्त राशि से 5 एकड़ रैयती जमीन प्रखंड व अंचल कार्यालय के लिए खरीदी जाए. लेकिन अंचल कार्यालय पतरघट व प्रशासनिक पदाधिकारियों ने रैयती जमीन खरीदने की बजाए मदरसा में दान किये गये जमीन का जमाबंदी तोड़कर एक समुदाय के 35 लोगों को खड़ा कर 2 एकड़ 77 डिसमिल जमीन राज्यपाल बिहार सरकार के नाम से रजिस्ट्री कराते राशि के बंदरबांट का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आज की तिथि में जमीन खरीदने के लिए अंचल के पास राशि तक नहीं है व खरीदी गयी जमीन पर सरकार का कब्जा भी नहीं है. 30 वर्षो से प्रखंड व अंचल कार्यालय कोसी प्रोजेक्ट में चल रहा है. उन्होंने मंत्री से प्रखंड व अंचल कार्यालय कैसे बने इस दिशा में मार्ग प्रशस्त करने की मांग की है. फोटो – सहरसा 06- मंत्री को ज्ञापन सौंपते प्रखंड उपप्रमुख सह भाजपा नेता.
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