कला मंगल श्रृंखला में युवा कलाकारों के समूह प्रदर्शिनी में अर्चना का हुआ चयन
कला मंगल श्रृंखला में युवा कलाकारों के समूह प्रदर्शिनी में अर्चना का हुआ चयन
सहरसा. कला संस्कृति एवं युवा विभाग व ललित कला अकादमी पटना के संयुक्त तत्वावधान में कला मंगल श्रृंखला के तहत लोककला के युवा कलाकारों के समूह प्रदर्शिनी में राज्य के शीर्ष कलाकारों की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा. यह प्रदर्शिनी भारतीय नृत्य कला मंदिर पटना में 11 फरवरी से 14 फरवरी तक होगा. प्रदर्शिनी में उन ख्याति प्राप्त कलाकारों में सहरसा चैनपुर निवासी सुप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग आर्टिस्ट अर्चना मिश्रा उर्फ अर्चना भारती का चयन हुआ है. इस प्रदर्शिनी में अर्चना की नवीनतम मिथिला पेंटिंग का प्रदर्शन होगा. अर्चना को बचपन से ही चित्रकारी से लगाव रहा है. ललितकला में प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ से स्नातकोत्तर डिग्री के साथ इन्होंने उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान केंद्र पटना से मिथिला पेंटिंग में डिप्लोमा किया. स्थानीय एवं कई अंतरराज्यीय प्रदर्शनी में ये भाग ले चुकी हैं व इनके द्वारा बनाई गयी पेंटिंग्स को हर मंच पर सराहना मिली है. श्रीमद्भागवत गीता के मैथिली भाषा संस्करण को अन्य चित्रकारों के अलावा इनके मिथिला पेंटिंग से सुसज्जित किया गया है. गीता के इस अनूठे संस्करण का लंदन में रहने वाले एक अप्रवासी नागरिक द्वारा विदेश में अनावरण के दौरान इनकी चर्चा की गयी. ललितकला व मिथिला लोक चित्र शैली में अभिनव प्रयोग के लिए जानी जाती अर्चना ने देश के कई नामचीन लेखकों द्वारा लिखित दर्जनों पुस्तकों का आवरण चित्र बनाया है. गंगजला, गौतमनगर निवासी अनिल चौधरी व किरण चौधरी की पुत्रवधू अर्चना मिश्रा वर्तमान में अपने इंजीनियर पति आकाश भारद्वाज के साथ हरियाणा के फरीदाबाद में रहती है. घर गृहस्थी संभालते हुए अर्चना वहां भी अपने पेंटिंग के शौक को जीवित रखे हुए है. हाल ही में नेशनल रेल म्यूजियम नई दिल्ली में मिथिला पेंटिंग वर्कशॉप का आयोजन हुआ था. जहां इन्होंने एक्सपर्ट के रूप में हिस्सा लिया था. उस वर्कशॉप में एक सिद्धहस्त मेंटॉर के रूप में अर्चना ने प्रतिभागियों को पेंटिंग का गुर सिखाया था.
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