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शाम होते ही समाहरणालय की ओर जाने वाली सड़क पर छा जाता है अंधेरा

शाम होते ही समाहरणालय की ओर जाने वाली सड़क पर छा जाता है अंधेरा

सभी पोल पर लगी लाइट नहीं कर रहे कार्य, अंधेरा होते ही बढ़ गयी है असामाजिक तत्वों की गतिविधिख,लोगों में बन रहा भय का माहौल सहरसा . जिला मुख्यालय की अति महत्वपूर्ण सड़क समाहरणालय रोड इन दिनों लाइटों की कमी के कारण अंधकार में डूबी रहती है. इस मुख्य सड़क के दोनों ओर कई प्रमुख सरकारी कार्यालय, सदर अस्पताल, जयप्रकाश उद्यान, मत्स्यगंधा पर्यटन स्थल भी हैं. इसके अलावे इस मुख्य सड़क के आसपास जिले के सभी वरीय अधिकारियों का आवास एवं कार्यालय भी है. इसके बावजूद शाम होते ही गहरे अंधेरे में यह सड़क समा जाती है. इस कारण लोगों को आवाजाही में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. अंधेरे के कारण यह क्षेत्र असामाजिक तत्वों के लिए सुरक्षित अड्डा बन गया है. बढ गयी है असामाजिक तत्वों की गतिविधि समाहरणालय रोड पर लगे पोल पर लाइट नहीं रहने के कारण आम लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है. वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी यह बेहद चिंताजनक है. रोजाना हजारों लोग इस सड़क का उपयोग करते हैं. जिनमें से कई लोग रात के समय इलाज के लिए सदर अस्पताल जाते हैं. अंधेरे के कारण रास्ता तय करना मुश्किल हो जाता है. जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है. अंधेरा छाने के साथ ही इस क्षेत्र में चोर-उचक्कों की सक्रियता बढ़ गयी है. जिससे छिनतई एवं चोरी की घटनाएं बढ गयी है. स्थानीय निवासियों ने बार-बार इस समस्या की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि यह अति महत्वपूर्ण सड़क है. इस सड़क से हर रोज लोग सदर अस्पताल सहित कार्यालय जाते हैं. दिन रात सडक पर आवाजाही होती है. लेकिन लाइटों की कमी के कारण हमेशा अनहोनी का भय बना रहता है. इस रास्ते पर कई बार छिनतई की घटनाएं भी हो चुकी हैं. जिसके कारण लोग बहुत डरे रहते हैं. प्रशासनिक उदासीनता से रहता है अंधेरा समाहरणालय रोड से रोजाना दिन व रात जिले के आला अधिकारी गुजरते हैं. लेकिन अभी तक इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जबकि इस रास्ते में बिजली विभाग का कार्यालय सहित विभागीय ग्रिड भी है. यह उदासीनता प्रशासन की नाकामी को दर्शाती है. लोगों का कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण सड़क पर लाइटों की व्यवस्था नहीं है. व्यवसायी सुधांशु शेखर ने कहा कि यह बेहद हैरान करने वाला है कि किसी ने अब तक लाइटों की कमी को दूर करने की जहमत नहीं उठाई है. उन्हें जनता की तकलीफों से कोई मतलब नहीं है. समाहरणालय रोड जैसी महत्वपूर्ण सड़क पर जब लाइट नहीं है तो गली-मुहल्लों की सड़कों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. गली मुहल्लों की स्थिति तो और भी बदतर है. शहर के अधिकांश हाई लैंप पोस्ट पर लाइट या तो खराब है या रात में टिमटिमाती रहती है. जिसके कारण रात के समय सुरक्षा का अभाव हो जाता है फोटो – सहरसा 09 – समाहरणालय के निकट पोल पर मुंह चिढाता लगा वैपर लाइट

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