सामाजिक न्याय और समरसता के प्रतिमूर्ति थे बाबा साहेब : डॉ रजनीश
सामाजिक न्याय और समरसता के प्रतिमूर्ति थे बाबा साहेब : डॉ रजनीश
कहा अंबेडकर के विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणादायक सहरसा. शुक्रवार को स्थानीय पटुआहा स्थित ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में भारतीय संविधान के निर्माता, सामाजिक न्याय के प्रणेता, वंचित वर्ग के मसीहा भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर बीएड काॅलेज के प्राचार्य डॉ नागेन्द्र कुमार झा, डिग्री काॅलेज के प्राचार्य डॉ बसंत कुमार मिश्रा, नोडल अंशु कुमार गुप्ता, प्राध्यापक प्रमुख प्रियंका पांडेय, प्राध्यापक सह जनसंपर्क पदाधिकारी अभय मनोज सहित अन्य प्राध्यापक व महाविद्यालय के छात्राध्यापकों ने बाबा साहेब के तैलचित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया. प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब की दूरदर्शी सोच और संविधान निर्माण के माध्यम से भारत गणराज्य की सामाजिक और कानूनी नींव को सुदृढ़ बनाने में उनके योगदान का देश सदैव ऋणी रहेगा. उन्होंन कहा कि विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अंबेडकर ने अपनी शिक्षा को पूरा किया और काबिलियत व मेहनत के बल पर 32 डिग्री हासिल की. उन्हें डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल हुई. छुआछूत और सामाजिक भेदभाव का अंत करने के लिए उन्होंने दलित समाज के उत्थान का निर्णय लिया और इस दिशा में कार्य करना शुरू किया. बाद में बाबा साहेब संविधान सभा के अध्यक्ष बने. बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर हर युवा के लिए एक मिसाल बन चुके हैं. उनके अनमोल विचार प्रेरणा बनकर जीवन संघर्ष के लिए सभी को प्रोत्साहित करते हैं. डिग्री काॅलेज के प्राचार्य ने कहा डाॅ अंबेडकर सामाजिक न्याय और समरस समाज के हमेशा से पक्षधर थे. प्राध्यापक प्रमुख ने कहा कि अभाव में जीकर भी सफलता को कैसे हासिल किया जा सकता है, वह बाबा साहेब के जीवन से सीख लेनी चाहिए. महाविद्यालय के प्राध्यापक सह जन संपर्क पदाधिकारी अभय मनोज के संचालन में आयोजित कार्यक्रम को महाविद्यालय के डीएलएड विभागाध्यक्ष डॉ उमाशंकर कुमार सिंह, नोडल अंशु कुमार गुप्ता, रंजय कुमार राजा, मेघा कुमारी, शबनम कुमारी, संतोष कुमार, राहुल कौशिक सहित कई अन्य प्राध्यापकों ने संबोधित किया. फोटो – सरहसा 08 – श्रद्धांजलि देती छात्राएं
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