फेस ऑथेंटिकेशन की नई व्यवस्था पर रोक लगाने को लेकर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ ने डीपीओ को दिया आवेदन
फेस ऑथेंटिकेशन की नई व्यवस्था पर रोक लगाने
सहरसा. जनवरी माह से पोषण ट्रैक्टर में फेस ऑथेंटिकेशन की नई व्यवस्था पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को लेकर बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ जिला इकाई ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस को आवेदन दिया है. संघ राज्य उपाध्यक्ष सह जिला मंत्री पार्वती कुमारी ने कहा कि निदेशक कार्यालय द्वारा जनवरी माह से जुड़े सभी लोगों को उनके भौतिक रूप से केंद्र पर उपस्थित होने पर फेस ऑथेंटिकेशन के बाद ही उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया गया है. जबकि सेविकाओं को आठ वर्ष पहले जो पेनासोनिक मोबाइल उपलब्ध कराया गया था वह सभी मोबाइल खराब हो चुका है. सभी सेविका अपने-अपने पति या बच्चों के मोबाइल फोन से वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र का कार्य कर रही है. इसलिए पोषण सेंटर व अन्य कार्य के लिए भी अच्छे मोबाइल की निहायत आवश्यकता है. जिसे सरकार द्वारा अविलंब उपलब्ध कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि फेस ऑथेंटिकेशन से सभी सेविकाओं को परेशानी के साथ लाभार्थी को भी तकलीफ हो सकती है. ऐसी स्थिति में कुपोषण मुक्त बिहार होने की जगह कुपोषण युक्त बिहार हो जायेगा. डीबीटी के माध्यम से लाभुकों को लाभ पहुंचाना श्रेष्कर हो सकता है. इसके लिए सभी सेविका बहन लाभुकों का पोषाहार दिए जाने संबंधित संगत कागजात कार्यालय में जमा कर दिया जायेगा. उन्होंने आवेदन पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए नई व्यवस्था तक तत्काल रोक लगाने की मांग की. आवेदन देने वालों में श्वेता भारती, रेणु देवी, ममता रानी, पूनम कुमारी, अनिता कुमारी, सारिका कुमारी, पिंकी कुमारी,रीना देवी, चांदनी कुमारी, आशा कुमारी, रश्मि कुमारी, सायका परवीन, लावण्या प्रियदर्शनी सहित अन्य शामिल हैं.
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