15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar Land Survey: सहरसा में वाजिब जमींदार हो जायेंगे भूमिहीन!, ग्रामीणों ने किया जमीन सर्वे का बहिष्कार

Bihar Land Survey: बिहार के सहरसा स्थित नवहट्टा अंचल क्षेत्र के सतौर पंचायत के रैयतों की आमसभा उच्च विद्यालय सतौर के प्रांगण में पूर्व मुखिया तेज नारायण यादव की अध्यक्षता व पूर्व मुखिया गजेंद्र यादव के संचालन में आयोजित की गयी.

Bihar Land Survey
राजेश डेनजील/सहरसा
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है. सहरसा जिला में फिलहाल भूमि सर्वेक्षण का कार्य प्रगति पर है. भूमि सर्वेक्षण के कार्य में बहुत लोगों की शिकायत भी आ रही है. लोगों को बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नवहट्टा प्रखंड के हाटी पंचायत के सभी मौजा व कैदली पंचायत के 12 मौजा, नौला पंचायत के सभी मौजा व बकुनिया डरहार पंचायत सहित प्रखंड क्षेत्र के तटबंध के अंदर बसे लोगों द्वारा भूमि सर्वेक्षण सर्वे का बहिष्कार करने का फैसला लिया जा रहा है. जिसमें सतौर पंचायत व नौला पंचायत के सभी मौजा के जमींदारों ने आम सभा कर विभिन्न मांगों को रखते हुए सामूहिक प्रस्ताव लेकर भूमि सर्वे का बहिष्कार कर दिया है. बचे शेष पंचायतों में भी बैठक कर बहिष्कार करने का निर्णय लिया जा रहा है.

ग्रामीणों ने सभा का किया आयोजन

नवहट्टा अंचल क्षेत्र के सतौर पंचायत के रैयतों की आमसभा उच्च विद्यालय सतौर के प्रांगण में पूर्व मुखिया तेज नारायण यादव की अध्यक्षता व पूर्व मुखिया गजेंद्र यादव के संचालन में आयोजित की गयी. इसमें बताया गया कि वर्तमान बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण के नियम, जिसमें वर्तमान में कोसी नदी बह रही है व पूर्व के रिविजनल सर्वे में जो बह रही थी, वह भी बिहार सरकार की हो जायेगी.

क्या कहते हैं पंचायत के लोग

पंचायत के लोगों का कहना है यह जानकारी सूचना अधिकार के द्वारा बंदोबस्त पदाधिकारी सह लोक सूचना अधिकारी ने दी है. पूर्व में जो कोसी नदी बहती थी, वह हम लोग के पूर्वजों के नाम से है, जो पहले के सर्वे में नदी हो गयी, अब वह ऊपर में है और हम लोग जोत आबाद कर रहे हैं. अभी जो खाता खुला हुआ है, उसमें वर्तमान नदी है, वह भी बिहार सरकार की हो जायेगी. राज्य सरकार के इस नियम से आक्रोशित लोगों ने भूमि सर्वेक्षण का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सतौर में आयोजित ग्राम सभा में यह पारित किया गया कि वर्तमान बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण में यह गलत नियम है कि वर्तमान कोसी नदी जो बह रही है एवं पूर्व रिविजनल सर्वे 1967-68 में जो बह रही थी, वह भी बिहार सरकार की होगी. सर्वसम्मति से विचार किया गया कि पूर्व के सर्वे की नदी वाली जमीन हमलोगों के दादा परदादा के नाम से ही विगत सर्वे में 1967-68 में नदी हो गयी है. जो उपर में है, उसमें हमलोग जोत आबाद कर रहे हैं. अभी जो खाता खुला है. उसमें वर्तमान नदी है. वह भी बिहार सरकार की हो जायेगी. नवहट्टा अंचल के दो पंचायत के 12 मौजा के लोगों ने सर्वे का बहिष्कार कर दिया है, जो परिवाद उच्च न्यायालय में दर्ज है. कोसी तटबंध के अंदर के अधिकांश लोगों ने भूमि सर्वे का बहिष्कार कर न्यायालय जाने का मन बना लिया है.

Also Read: Bihar Land Survey: भूमि सर्वेक्षण कार्य में सामने आया अजीबोगरीब मामला, बंदोबस्त पदाधिकारी ने निदेशालय से मांगा मार्गदर्शन

वाजिब जमींदार हो जायेंगे भूमिहीन

हाटी निवासी दीवाना सिंह ने बताया कि पहले से जो नदी बह रही थी. वह भी बिहार सरकार हो गयी है. वहीं वर्तमान में जो नदी बह रही है, वह भी बिहार सरकार हो गयी है. ऐसी परिस्थिति में वाजिब जमींदार भूमिहीन हो जायेगी. सरकार के इस गलत रवैये के विरुद्ध बहिष्कार का निर्णय लिया गया है. जब तक इसमें संशोधन नहीं होगा, हमलोग सर्वे का सामूहिक बहिष्कार करेंगे. पूर्व मुखिया गजेंद्र यादव ने बताया कि बिहार पूरे भारत का सर्वे सर्वप्रथम बार अंग्रेज के शासन काल में 1887-88 में सर्वे हुआ. पुराने सर्वे के मुताबिक 1902 में ख़तियान बना. पहले हमलोग का राजस्व थाना बनगांव हुआ करता था. आजादी के बाद 1967-68 में नया सर्वे हुआ. जिसका फाइनल ख़तियान 1986 में बना. 1934 में आये भूकंप के बाद 1935 में कोसी हमारे यहां आयी. 1967 के सर्वे में जिस भूमि पर नदी बह रही थी, वह जमीन हमारे बाप दादा के खतियानी जमीन बिहार सरकार की हो गयी. कोसी समय-समय पर अपनी जगह अनुसार धारा बदलती रहती है. ऐसी परिस्थिति में जो हम लोगों की वाजिब जमीन है, उस पर नदी बह रही है. ऐसे में पहले की जमीन बिहार सरकार हो ही गयी, वर्तमान जमीन भी बिहार सरकार हो जायेगी. इसलिए हमलोगों ने उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज करते हुए भूमि सर्वे का विरोध जताया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें