बिहार का एक वार्ड पार्षद ऐसा भी, सुबह-शाम चाय-नाश्ते की चलाते हैं दुकान..साथ में करते हैं जनता का काम

बिहार के सहरसा में एक वार्ड पार्षद आज भी चाय नाश्ते की दुकान चलाते हैं. किसी अंजान को यह पता नहीं चलता कि वो जनप्रतिनिधि है. साथ ही जनता का काम भी करते हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | October 20, 2024 12:58 PM

आयुष, सहरसा: बिहार के सहरसा जिला अंतर्गत सिमरी बख्तियारपुर मे इन दिनों चाय -नाश्ता की दुकान चलाने वाले एक दुकानदार की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है. ये दुकानदार लिट्टी और चाय की दुकान चलाते है.उनकी यह दुकान सिमरी बख्तियारपुर नप क्षेत्र स्थित रंगीनिया मे है. चर्चा में छाये इस दुकानदार का नाम दिनेश मालाकार है और उनके चर्चा में छाने की वजह यह है कि दिनेश मालाकार सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद में वार्ड पार्षद भी है.दिनेश मालाकार वार्ड संख्या 14 से वार्ड पार्षद हैं. वार्ड चुनाव जीतने के बाद भी दिनेश मालाकार ने अपनी दुकान पर समय देना बंद नहीं किया. चुनाव जीतने के पहले से लेकर अभी वर्तमान में भी दिनेश मालाकार यह दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण -पोषण कर रहे है.जिसकी तारीफ हर जगह हो रही है.

सुबह 4 बजे खुल जाती है दुकान

सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत रंगीनिया निवासी दिनेश मालाकार वार्ड पार्षद बनने के बाद आज भी अपनी लिट्टी और चाय की दुकान सुबह चार बजे खोल देते है.वार्ड पार्षद दिनेश मालाकार बताते हैं कि मैं चाय और नाश्ते की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण – पोषण करता हूं और इस कार्य को करने मे मुझे शर्म नही बल्कि गर्व महसूस होता है. वार्ड पार्षद के मुताबिक दुकान पर आने वाले ग्राहक कहते है कि ‘अब आप वार्ड पार्षद बन गए है, दुकान मत कीजिये..’ तो हम बोलते है कि दुकान चलता रहेगा, वार्ड पार्षद समाज सेवा करने के लिए बने हैं, कमाने के लिए नही बने है.

दूसरी बार बने वार्ड पार्षद

सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 14 से वार्ड पार्षद दिनेश मालाकार दूसरी बार वार्ड पार्षद बने है.इससे पूर्व 2012 मे भी वह तत्कालीन नगर पंचायत मे वार्ड पार्षद रह चुके है. इनकी सादगी और ईमानदारी का ही परिणाम रहा कि सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद बनने के बाद हुए चुनाव मे यह फिर जनता द्वारा चुन लिए. दिनेश मालाकार बताते है कि सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक दुकान चलाता हूं. वही दुकान से फुरसत ले जनता की सेवा मे लग जाता हूं. विकास से जुड़े कार्य करवाने के लिए ऑफिस दौड़ना हो या वार्ड के लोगो का कोई कागज़ से जुड़ा काम करवाना हो, सब करवाना मैं अपनी जवाबदेही समझता हूं. दिनेश बताते है कि वार्ड के विद्यालय की चार दीवारी निर्माण से लेकर विभिन्न गलियों मे सड़क निर्माण करवा चुका हूं. अब छठ घाट के सौंदर्यीकरण के लिए लगा हूं. उम्मीद है वह भी जल्द हो जायेगी.

दूसरी बेटी के लिए दुकानदारी से जुटा रहा हूं पैसे

बिहार मे वार्ड पार्षद बनने के बाद भी चाय और नाश्ते की दुकान चलाने का यह अनोखा मामला इनदिनों चर्चा मे है.आमलोगो का इस संबंध मे कहना है कि बिहार मे वार्ड पार्षद बनने के बाद व्यक्ति की जिंदगी बदल जाती है. परंतु यह अपने आप में ऐसा अनोखा मामला है जिसमें चुनाव जितने के बाद भी एक वार्ड पार्षद लिट्टी और चाय की दुकान चला रहा है. चूंकि आम तौर पर यह धारणा है कि यह पद पैसा पाने का एक आसान स्रोत होता है. लेकिन इन सब से अलग आज भी दिनेश मालाकार लिट्टी चाय बेच कर अपने परिवार का भरण – पोषण कर रहे है.साथ ही अपने वार्ड के विकास कार्य मे भी बढ़ – चढकर हिस्सा ले रहे है.दिनेश बताते है कि उन्हें दो बेटी है. एक की शादी खगड़िया जिले के पसराहा में कर दी. दूसरी की शादी धूमधाम से हो उसके लिए दुकानदारी कर पैसे जुटा रहा हूं. दूसरी बेटी की शादी कर और भी चिंतामुक्त हो समाज के लिए काम करूंगा.

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