Bihar: सहरसा. सावधान, जंक्शन पर पीने का पानी कहीं आपकी सेहत न खराब कर दे. गर्मी के शुरुआती दौर में ही हीट वेव शुरू हो चुका है. ऐसे में एक तरफ रेलवे स्टेशनों पर शुद्ध व ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए रेलवे बोर्ड सख्त कदम उठा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर सहरसा जंक्शन पर यात्री शुद्ध पेयजल की जगह पीला पानी पी रहे हैं, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यह हाल बीते दो दिनों से सहरसा जंक्शन पर बना हुआ है. प्रत्येक प्लेटफाॅर्म पर हर वाटर बूथ में पीला पानी आ रहा है. यात्री भी इस प्रचंड गर्मी में मजबूरीवश पीला पानी ही पीने को मजबूर हैं. यह स्थिति सिर्फ प्लेटफाॅर्म के वाटर बूथों में ही नहीं है, बल्कि सभी कार्यालयों में भी पीला पानी आ रहा है.
बोर्ड के आदेश की भी परवाह नहीं
हीट वेव को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने 13 अप्रैल को सभी मुख्यालयों और डिवीजन को एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके तहत प्रत्येक स्टेशन पर 48 घंटे के अंदर खराब वाटर कूलर को दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया गया था. इसके अलावा हर हाल में समुचित शुद्ध पेयजल की सभी स्टेशनों पर व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया गया था. पर, इस आदेश का असर सहरसा जंक्शन पर नहीं दिख रहा है.
नहीं किया गया पाइपलाइन को दुरुस्त
रेल सूत्रों की मानें, तो लगातार सहरसा जंक्शन पर पीला पानी आने की शिकायत आ रही है. इसकी वजह यह है कि पानी के पाइपलाइन को अब तक दुरुस्त नहीं किया गया है. इसके अलावा पानी टंकी की भी सफाई नहीं हुई है, जबकि यह आदेश रेलवे बोर्ड पिछले हफ्ते ही जारी कर चुका है. जहां-जहां जंक्शन पर वाटर कूलर खराब हैं, उनकी मरम्मत करवानी थी. इसके अलावा पानी की कमी वाली क्षेत्रों में रेलवे द्वारा नगर निगम और एनजीओ से भी समन्वय बनाने की कोशिश करने का निर्देश जारी किया गया था. पिछले हफ्ते रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे नेटवर्क के सभी स्टेशनों पर यात्रियों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए सभी स्टेशनों को निर्देश जारी किया था.
पानी का टैंकर भी नहीं कराया गया उपलब्ध
सहरसा जंक्शन से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अमृतसर के लिए महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन होता है. सहरसा जंक्शन रेलवे बोर्ड के महत्वपूर्ण स्टेशनों में शामिल है, जो तीन रेलखंडों को जोड़ता है. रोजाना यात्रियों की आवाजाही वर्तमान में औसतन 35 से 40 हजार के करीब है. रेल मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश में स्टेशनों पर उपलब्ध वॉटर कूलर के सही ढंग से कार्य करने तथा यात्रियों की मांग के अनुरूप पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया है. इसके अलावा आवश्यकतानुसार महत्वपूर्ण स्टेशनों और छोटे स्टेशनों पर पानी के टैंकर की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि यात्रियों को पीने का पानी उपलब्ध हो सके. पर, आदेश के बावजूद विभाग ने पानी की उपलब्धता का ध्यान नहीं रखा है.
पर्याप्त संख्या में वाटर कूलर लगाने का निर्देश
रेलवे बोर्ड ने सहरसा जंक्शन समेत पूर्व मध्य रेल के सभी स्टेशनों पर यात्रियों को उत्तम पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. यात्रियों की संख्या के मद्देनजर स्टेशनों पर पर्याप्त संख्या में वाटर टैब लगाये जा रहे हैं. जहां नहीं हैं, वहां लगाने का निर्देश जारी किया गया है. फिलहाल पूर्व मध्य रेल के 84 स्टेशनों पर 207 वाटर कूलर भी लगाये गये हैं. इसी तरह 85 स्टेशनों पर 236 वाटर वेंडिंग मशीन का प्रावधान किया गया है. आवश्यकतानुसार इसमें वृद्धि भी की जा सकती है.
नगर निगम के साथ करेंगे समन्वय स्थापित
निर्देश में कहा गया है कि स्टेशनों के सभी प्लेटफॉर्मों पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जाएगी. पानी की कमी का सामना करनेवाले क्षेत्रों में रेलवे अधिकारी नगर निगमों व राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर वैकल्पिक रूप से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे. इसके लिए संबंधित विभाग नगर निगम और क्षेत्रीय संस्थान महिला समितियों (महिला स्वयं सहायता समूहों), गैर सरकारी संगठनों, स्काउट्स एंड गाइड और अन्य स्वयं सहायता समूहों के साथ सामंजस्य स्थापित कर विशेष रूप से सामान्य श्रेणी के कोचों के पास ठंडे पेयजल का सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है.
प्रदूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियां
दस्त, पेट दर्द, टाइफाइड, पीलिया, उल्टी, लीवर में प्रॉब्लम.