बीपीएससी छात्रों ने जनसुराज के मंच से सरकार को दी चेतावनी
बीपीएससी छात्रों ने जनसुराज के मंच से सरकार को दी चेतावनी
जनसुराज विचार मंच के नेतृत्व में एक सभा का आयोजन सहरसा. स्थानीय जिला पुस्तकालय के सभागार में जनसुराज विचार मंच के नेतृत्व में एक सभा का आयोजन किया गया. सभा में छात्रों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बिहार में बीपीएससी समेत अन्य परीक्षाओं में छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ करना अब सरकार की आदत सी हो गयी है. यह भी हास्यास्पद है कि सरकार सिर्फ एक केंद्र पर परीक्षा रद्द करती है. जबकि यह पूरे बिहार के बच्चों के भविष्य का सवाल है. सरकार ने यह बताने की कोशिश की है कि यह सब रि एक्जाम विद्यार्थियों की मांग को शांत करने की एक नाकाम कोशिश की गयी है, क्योंकि प्रशांत किशोर की अगुवाई में अब जनसुराज का समर्थन व्यापक रूप से छात्रों को मिल रहा है और दिन प्रतिदिन गांधी मैदान में लोगों की भीड़ छात्रों के समर्थन के लिए बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में सरकार ने महज दिखावे के लिए एक खानापूर्ति कर दी. जबकि यह भी बच्चों के भविष्य के खिलाफ है. सभा की अध्यक्षता करते हुए विष्णु स्वरूप ने बताया कि प्रशांत किशोर द्वारा 15 साल बनाम 15 साल में भ्रष्ट शिक्षा तंत्र और लाठी तंत्र का जो जो खेल सरकारों द्वारा प्रायोजित होता रहा है, वह सब बेपर्दा करने की एक महत्वपूर्ण कोशिश प्रशांत किशोर के द्वारा की जा रही है, जो छात्रों के हित की है. सभा में डाॅ कमलेश कुमार ने कहा कि शिक्षा में व्यापक बदलाव देखा गया है. इसके सुधार के लिए आपको भी अपनी नैतिक बल को दृढ़ करना होगा. शिक्षाविद् दिलीप झा ने कहा कि शिक्षा में अब तक पिछले 20 सालों में जितनी बड़ी गिरावट आयी है, वह सोचनीय है. इसके लिए अब सबों को आगे आना होगा. यह समाज का एक नैतिक कर्तव्य भी है. संगीता सिंह ने कहा कि शिक्षा का राजनीतिकरण ही दुखद पहलू रहा है. मंच संचालन कर रहे मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि नैतिकता समाज से ही आती है. इसको संभाले कैसे और किस तरह समाज को नये युग के लिए तैयार करें, इसके लिए हमें मिलकर एक समाधान ढूंढना होगा. सभा में प्रो पूनम कुमारी , टूसी कुमारी, मो सफी अहमद, दिलीप कुमार झा, डॉ बबन सिंह, विपीन कुमार सिंह, गोसाईं मंडल, विभाष कुमार सहित दर्जनों छात्र भी मौजूद थे.
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