मॉनसून की पहली बारिश में भींगा शहर, चारों ओर जल-जमाव

तपती धूप के बाद जल जमाव की बनी गंभीर समस्या, मानसून की बारिश ने खोल दी नगर निगम की पोल, हर वार्डों में जल-जमाव, नहीं नजर आ रही निगम की तैयारी

By Prabhat Khabar Print | June 30, 2024 6:37 PM

तपती धूप के बाद जल जमाव की बनी गंभीर समस्या, मानसून की बारिश ने खोल दी नगर निगम की पोल, हर वार्डों में जल-जमाव, नहीं नजर आ रही निगम की तैयारी सहरसा . मॉनसून प्रवेश के बाद इसकी पहली अच्छी बारिश शनिवार की रात से शुरू हुई, जो दिन के 12 बजे तक कमोबेश होती रही. इससे पूर्व तपती धूप से जहां जन-जीवन प्रभावित हो रहा था, वहीं किसानों की मुख्य फसल धान की खेती भी बारिश नहीं होने से प्रभावित हो रही थी. ऐसे समय में शनिवार की देर रात्रि मॉनसून की मध्यम बारिश से जहां किसानों को थोड़ी राहत मिली है. वहीं नगर निगम क्षेत्र वासियों के लिए यह फिर से समस्या लेकर आयी है. पिछले दस दिन पूर्व हुई मॉनसून की झमाझम बारिश से जहां गली मुहल्ले जलमग्न हो गये थे. जिससे किसी तरह निजात लोगों को मिली थी. लेकिन मॉनसून की दूसरी बारिश से एक बार फिर वही स्थिति उत्पन्न हो गयी है. सभी मुख्य सडकों से लेकर गली मुहल्ले में जल-जमाव की समस्या उत्पन्न हो गयी है. जबकि दूसरे दिन रविवार को भी आसमान में दिन भर बादल छाये रहे एवं कभी कभार बूंदाबांदी भी होती रही. जिससे तापमान में कमी रही व तेज गर्मी से लोगों को राहत मिली. झमाझम बारिश से गर्मी से तो लोगों को राहत मिली. इस दौरान लगभग 27 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी. इस बारिश ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है. फिर से जल-जमाव की समस्या से लोग जूझने लगे हैं. जबकि माॅनसून का जिले में प्रवेश ही हुआ है. अभी अगले तीन महीने माॅनसून की बारिश होनी है. शहरी क्षेत्र के हालात इस बार भी शायद भगवान भरोसे ही रहने वाला नजर आने लगा है. नगर निगम क्षेत्र के लगभग सभी वार्डों में जल-जमाव की गंभीर समस्या बरकरार है. इसका मुख्य कारण बेतरतीब बने नाले हैं. नाले से जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होना है. लगभग सभी वार्डों में बिना किसी कनेक्टिविटी के नाले का निर्माण होने से जल-जमाव की समस्या गंभीर हो गयी है. अब लोगों को प्रतिदिन जल-जमाव की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है. बुडको द्वारा मुख्य नाले का निर्माण से शहरी क्षेत्र के दस प्रतिशत लोगों के समस्याओं का भी समाधान नहीं हो सका है. विभिन्न वार्डों सहित मुख्य सड़कों पर बेतरतीब निर्माण हो रहे नाले से जल-जमाव की समस्या गंभीर बन गयी है. यह हाल शहर के लगभग सभी वार्डों में देखा जा रहा है. जिसके समाधान के लिए स्थानीय लोग सहित जनप्रतिनिधि भी आवाज उठाने को विवश होते हैं. इसका मुख्य कारण जल निकासी की जगह नहीं होना है. जब तक जल निकासी के जगह से नाला का निर्माण नहीं होगा. यह समस्या बरकरार रहेगी. वहीं जल-जमाव को लेकर निगम में कागजों पर की गयी तैयारी धरातल पर नजर नहीं आ रही है. ना ही जबावदेह स्थिति का जायजा लेते नजर आ रहे हैं. ना ही क्यूआरटी टीम ही कहीं दिखी है. एक बार फिर से लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. नाला निर्माण में की जा रही खानापूर्तिः जहां-जहां नयी सडक बन रही है. वहां नाला का निर्माण किया जा रहा है. सडक सौ मीटर की है तो नाला भी सौ मीटर का बना दिया गया. जिससे सौ मीटर के बाद नाले के पानी ने सडक पर आकर लोगों के लिए समस्या खडा कर दी है. जल निकासी के लिए समुचित व्यवस्था के तहत नाला का निर्माण नहीं होगा, तब तक जल जमाव की समस्या बनी रहेगी. आरसीडी अधिकारी सरकार के फंड के अनुसार नाला निर्माण की बात कहते हैं. नगर निगम भी फंड के अनुरूप कार्य करने की बात कहती है. सांसद व विधायक फंड से निर्माण भी अनुशंसा के आधार पर होते हैं. जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. जबकि बुडको द्वारा पिछले पांच वर्षों से किया गया कार्य भी जल निकासी में सक्षम नहीं है. नगर निगम से भी हो रहा अधूरा कार्य नगर निगम द्वारा बनने वाले नाले में भी जल निकासी का ख्याल नहीं रखने के कारण लाखों करोडों खर्च के बाद भी समस्या बन रही है. यही हाल गांधीपथ स्थित मस्जिद के निकट, गांधी पथ, न्यू काॅलोनी, नया बाजार, गंगजला, कोशी चौक, हटियागाछी, सहरसा बस्ती सहित लगभग सभी वार्डों में है. जहां थोडी दूर नाले का निर्माण करा दिया गया है. जिससे लोगों को लाभ के बदले नुकसान उठाना पड रहा है. जिससे यहां के लोगों का जीवन ही नारकीय बन गया है. इसके समाधान के लिए स्थानीय लोग जन प्रतिनिधियों, नगर निगम एवं जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. मुख्य सडकों पर जल जमाव से बढी परेशानी शहर की मुख्य सडक पर भी जल जमाव रहने से दुर्घटना की आशंका बन रही है. सभी वार्डों के मुख्य चौराहों के साथ-साथ गली गली में पानी लग गया है. लोगों का घरों से निकलना दूभर हो चला है. शहरी क्षेत्र के बंगाली बाजार रेलवे ढाला, बटराहा, गांधी पथ, कोशी काॅलोनी, न्यू काॅलोनी, हटिया गाछी, तिवारी टोला, गंगजला, विद्यापति नगर सहित लगभग सभी वार्ड जलजमाव से त्रस्त हैं. अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि अगले तीन दिनों के अंदर मध्यम से तेज बारिश एवं वज्रपात की संभावना है. ऐसे में लोगों को आगे भी जल जमाव की समस्या से जूूूझना पडेगा. फोटो – सहरसा 01 – गांधी पथ में जल जमाव फोटो – सहरसा 02 – पंचवटी चौक के निकट जल जमाव फोटो – सहरसा 03 – शिवपुरी चौक मुख्य सडक पर जल जमाव फोटो – सहरसा 04 – समाहरणालय परिसर में जल जमाव ……………………………………………………………………………………. बारिश से किसानों में हर्ष, तपती गर्मी से मिली है राहत महिषी माॅनसून के निर्धारित समय के एक पखवाड़ा विलंब के बाद क्षेत्र में बारिश से किसानों को राहत मिली है व धान बिचड़ा उत्पादन की आस बढ़ी है. तेज धूप व बढ़ती तपिश के कारण किसान धान का बिचड़ा उत्पादन नहीं कर रहे थे व खेती पर प्रतिकूल संभावनाओं से चिंतित थे. माछ मखाना उत्पादन पर संकट मंडराने लगा था. पशुपालकों को चारा घास की कमी होने लगी थी. गर्मी से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त था. आज आद्रा नक्षत्र में बारिश के आगमन से लोगों में हर्ष का माहौल बना है व किसान अपनी खेती किसानी की जुगत में लग गये हैं. आसमान में मंडराते काले बादलों व मेघ गर्जना से धरती के तृप्त होने की संभावना बनी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version