ग्रामीणों की फरियाद से सीएम को नहीं कराया अवगत, आंदोलन का लिया निर्णय
क्षेत्र के बहोरवा से बेलडाबर जाने वाली मुख्यमंत्री ग्राम सड़क का एक दशक से भी अधिक समय से लंबित मांग को प्रशासन में बैठे लोगों ने मुख्यमंत्री तक पहुंचने नहीं दिया.
बहोरवा से बेलडाबर जाने वाली मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एक दशक से भी अधिक समय से जर्जर प्रतिनिधि, महिषी क्षेत्र के बहोरवा से बेलडाबर जाने वाली मुख्यमंत्री ग्राम सड़क का एक दशक से भी अधिक समय से लंबित मांग को प्रशासन में बैठे लोगों ने मुख्यमंत्री तक पहुंचने नहीं दिया. ऐसा आरोप लगाते ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की इस महत्वाकांक्षी योजना को संवेदक छोड़ पलायन कर गया. कई बार धरना प्रदर्शन के अवसर पर प्रशासन व विभागीय अभियंताओं के द्वारा आश्वासन के बाद भी सड़क निर्माण की पहल नहीं की गयी. पिछले लोकसभा निर्वाचन में झाड़ा पंचायत व घोंघेपुर के बेलडाबर के लोगों ने वोट का बहिष्कार किया था. 23 जनवरी को प्रगति यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री तक अपनी फरियाद लेकर संपर्क का मन बनाया. सड़क नहीं तो विधानसभा चुनाव में भी वोट बहिष्कार का ग्रामीणों के निर्णय पर प्रशासन के लोगों में हलचल हुई. ग्रामीण प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री तक आवेदन पहुंचाने का आश्वासन तो मिला, लेकिन उसमें भी ठगी हुई. तेलवा में मुख्यमंत्री के निर्धारित कार्यक्रम के रद्द होने से क्षेत्र वासियों में मायूसी का आलम बना है. गुरुवार की शाम पूर्व मुखिया अरुण कुमार की अध्यक्षता में ग्रामीणों ने बैठक कर फिर से सड़क नहीं तो वोट नहीं का निर्णय लेते सड़क के मध्य अवस्थित विभिन्न पंचायतों के लोगों को गोलबंद करने का निर्णय लिया. बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि अपने हक व अधिकार के लिए आंदोलन करना हमारी बाध्यता होगी. बैठक में पूर्व मुखिया मनोज राम, पूर्व सरपंच अरुण साह, पैक्स अध्यक्ष कन्हैया साह, जहांगीर आलम सहित अन्य मौजूद थे. फाेटो – सहरसा 01 – बैठक के बाद अपनी बात रखते ग्रामीण.
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