सहरसा: पूरी दुनिया कोरोना की त्रासदी झेल रही है. इसमें अधिकारी, चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी से लेकर जनप्रतिनिधि, पुलिस, दुकानदार व समाजसेवी अपना योगदान दे रहे हैं. वहीं डीएम कौशल कुमार भी कोरोना जंग में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. संक्रमण से जिले को बचाने के उपाय हों या फिर इस दौरान घरों में बंद लोगों तक उनकी आवश्यकताओं का सामान उपलब्ध करवाना, वे पूरी निष्ठा से इस कार्य में लगे हैं. उनका समय इस सब को लेकर तैयारी व व्यवस्था बनाने में ही पिछले चार माह से अधिक समय से लगा है. उन्हें इस जिले में योगदान किए लगभग छह माह ही हुआ है. लेकिन डीएम ने इस दौरान अपनी अलग पहचान लोगों के बीच बनाई है. साथ ही सुबह हो या फिर देर रात, एक छोटी सी कॉल पर भी उनका त्वरित रिस्पॉन्स रहता है. इन तैयारियों का ही परिणाम है कि सहरसा में अब तक स्थिति नियंत्रण में है. कुछ पॉजिटिव मामले सामने भी आए तो हिम्मत नहीं हारी, बल्कि स्थिति बेकाबू न हो इस के लिए दिन-रात एक कर दिया है.
लॉकडाउन के दौरान जिले का दौरा कर अधिकारियों से फीडबैक लेने के साथ, समय समय पर आइसोलेशन वार्ड, जिला अस्पताल, प्रखंड अस्पताल का निरीक्षण कर स्वास्थ्यकर्मियों का हौसला भी बढाते रहे हैं. उचित दिशा निर्देश सबंधित अधिकारियों के देते रहे हैं. साथ ही लोगों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम की व्यवस्था से लेकर सरकारी योजनाओं सहित हेल्थ विभाग के कामों की भी खुद निगरानी करते हैं. बचाव के लिए लोगों को दे रहे संदेशडीएम सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं. सोशल मीडिया के द्वारा लोगों को संदेश भी देते रहते हैं कि कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय मास्क व सोशल डिस्टैंसिंग है. सभी लोग बाहर के लोगों से दूरी बनाकर रहें. अपने घरों में रहें. जब तक कोई विशेष परिस्थिति उत्पन्न न हो, घर से बाहर न निकलें एवं अन्य लोगों को भी घरों में रहने को प्रेरित करें. पूरे विश्व स्तर पर कोरोना एक महामारी के रूप में लगातार फैल रहा है व इसमें आपका घरों में रहना ही एकमात्र बचाव है. अपने एवं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए जिले के सभी लोग अपने घरों में रहें. इसके अलावा मास्क का नियमित उपयोग व हाथों की नियमित रूप से धुलाई करें.
डीएम सोशल मीडिया के जरिये लोगों को भेदभाव एवं भ्रांतियों से बचने का भी संदेश देते रहते हैं. वे बताते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में कोई भी संक्रमित हो सकता है. संक्रमित लोगों के प्रति अपनी सोच में बदलाव लाएं. कोरोना से लड़ रहे व्यक्ति, स्वास्थ्यकर्मी या पुलिस किसी से भी मानसिक दूरी नहीं बनायें. उनके प्रति नकारत्मक सोच नहीं रखें. कोरोना को हराकर जंग जीतने वाले लोगों से किसी भी तरह से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. संक्रमण ठीक होने के बाद उनके संपर्क में आने पर कोई संक्रमित नहीं हो सकता है. कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें, जो अपनी जान की परवाह किये लोगों की सेवा करने में दिन-रात जुटे हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों से दूरी बनाकर रखें. ऐसी जानकारियों को सच नहीं मानें, जिसकी पुष्टि किसी विश्वसनीय स्रोत से नहीं की गयी हो.