तीन घंटे में तीन नदी की दूरी मात्र 30 मिनट में चचरी पुल के सहारे करते हैं तय

ग्रामीणों द्वारा बनाया गया असेय कैदली नदी पर चचरी पुल वरदान से कम नहीं, असेय नदी पर बने चचरी पुल के चारों ओर भर गया पानी, 15 दिन और आवागमन की उम्मीद

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 7:13 PM

ग्रामीणों द्वारा बनाया गया असेय कैदली नदी पर चचरी पुल वरदान से कम नहीं, असेय नदी पर बने चचरी पुल के चारों ओर भर गया पानी, 15 दिन और आवागमन की उम्मीद नवहट्टा. प्रखंड क्षेत्र के सात पंचायत कोसी तटबंध के अंदर निवासित है. जहां के लोगों के आवागमन के लिए चचरी पुल अक्तूबर माह से जून के प्रथम व दूसरे सप्ताह तक बड़ी सुखदायी रहती है. लेकिन जैसे-जैसे नदी में पानी का दवाब बढ़ने लगता है. चचरी पुल के क्षतिग्रस्त होने की आशंका से लोग मायूस होने लगते हैं. चचरी पुल के सहारे सहरसा जिला मुख्यालय से बाइक सवार 80 से 90 किमी की दूरी तय कर दरभंगा चले जाते हैं. तटबंध के अंदर बसे सात पंचायत के डेढ़ दर्जन गांव के लोग बिना कोई नाव पार किये 15 से 20 मिनट में 5 से 8 किमी दूर प्रखंड मुख्यालय नवहट्टा चले जाते हैं. जबकि जिला मुख्यालय 25 किमी की दूरी जाने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. चचरी पुल के क्षतिग्रस्त होने पर तीन-तीन नदी पार कर तीन से चार घंटा समय व्यतीत कर प्रखंड मुख्यालय आना जाना मुसीबत का पहाड़ बन जाता है. एक दिन में प्रखंड मुख्यालय व जिला मुख्यालय से कोर्ट कचहरी से कोई कार्य कराकर लौटना नाव नदी के सहारे नहीं हो पाता है. एक दिन के बदले दो-दो दिन का समय लग जाता है. जबकि असेय क़ैदली घाट पर चचरी पुल के रहने से लोगो का आवागमन सुगम बना रहता है. खासकर बीमार पड़े लोगों के लिए यह चचरी पुल वरदान से कम नहीं है. क्योंकि तटबंध के अंदर 7 पंचायत में कोई सरकारी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. तटबंध के अंदर गांव में कोई पक्की सड़क नहीं है. जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं चचरी पुल के रहने से लोग 5 से 7 किमी की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय अपना इलाज कराने व प्रखंड कार्यालय सहित विभिन्न कार्यो के लिए समय से आवागमन कर लिया करते हैं. लोगों में चचरी पुल के सप्ताह दस दिन बाद टूटने से होने वाली परेशानी का भय अभी से ही सताने लगा है. फोटो – सहरसा 25 – असेय क़ैदली घाट पर बने चचरी पुल के चारों ओर घिरा पानी.

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