बाजार के उर्वरक दुकानों से गायब हो गया डीएपी खाद

बाजार के उर्वरक दुकानों से गायब हो गया डीएपी खाद

By Prabhat Khabar News Desk | November 30, 2024 6:43 PM

बदले में मजबुरन दूसरे खाद का प्रयोग कर रहे हैं किसान सौरबाजार . रबी फसल की बुआई में उपयोग होने वाले डीएपी खाद दुकानों से इन दिनों गायब हो गया है. किसान उनके बदले दूसरे खाद का प्रयोग कर रहे हैं. गेहूं, मक्का, सरसों, मटर, मसूर समेत अन्य रबी फसल की बुआई के समय किसान डीएपी, पोटाश, जिंक और बोरोन जैसे रसायनिक खादों का प्रयोग करते हैं. लेकिन इस बार शुरू से ही डीएपी खाद दुकानों में नहीं मिल पा रहा है. दुकानदारों का कहना है कि हमलोगों को होलसेलर द्वारा ही डीएपी नहीं मिल पा रहा है तो कहां से लायेंगे. ऐसे में किसानों ने उसके बदले दूसरे खाद का प्रयोग कर गेंहू और मक्का की बुआई शुरू कर दी है. ऐसे में उन्हें उपयोग किए गये रसायनिक खाद पर विश्वास नहीं हो रहा है कि वह नकली है या असली. कृषि विभाग द्वारा किसानों को असली और नकली खाद या बीज को परखने के लिए कोई प्रशिक्षण या कार्यशाला का भी आयोजन नहीं किया जाता है ,जिससे उन्हें यह ज्ञान होगा. 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक रबी फसल की बुआई के लिए उपयुक्त समय माना जाता है. लेकिन डीएपी खाद नहीं मिलने के कारण किसान असमंजस की स्थिति में है कि इससे उपज अच्छा होगी या नहीं. जिसके कारण बुआई में भी विलंब होने की संभावना है. कई किसानों का कहना है कि यूरिया के बाद अब डीएपी के लिए किसानों के बीच मारामारी की स्थिति बनी हुई है. समदा बाजार में संचालित अंकुर खाद बीज भंडार के संचालक अंकुर कुमार ने बताया कि डीएपी का स्टाॅक कम मात्रा में हीं आया था. जो फिलहाल समाप्त हो गया है. 4 दिसंबर तक में डीएपी का रैक आने वाला है. जिसके बाद भरपूर मात्रा में डीएपी दुकानों में उपलब्ध हो जायेगा. सौरबाजार के प्रभारी बीआईओ संजय कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल कुछ दुकानदारों के पास हीं डीएपी है. रैक आने वाली है. जिसके बाद भरपूर मात्रा में डीएपी मिलना शुरू हो जायेगा. फिलहाल रबी फसल बुआई में प्रयोग होने वाले एनपीके समेत अन्य खाद दुकानों में भरपूर मात्रा में उपलब्ध है.

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