प्रस्तावित पटना-सहरसा रात्रि कालीन ट्रेन को वाराणसी जंक्शन तक विस्तार देने की मांग

प्रस्तावित पटना-सहरसा रात्रि कालीन ट्रेन को वाराणसी जंक्शन तक विस्तार देने की मांग

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2024 5:50 PM

विधायक ने महाप्रबंधक से की रेल विकास से संबंधित विभिन्न समस्याओं के निदान की मांग सहरसा . स्थानीय विधायक सह सचेतक सत्तारूढ़ दल बिहार विधानसभा व पूर्व मंत्री डॉ आलोक रंजन ने रेल महाप्रबंधक हाजीपुर के गुरुवार को सहरसा स्टेशन निरीक्षण को पहुंचने पर रेल विकास से संबंधित विभिन्न समस्याओं की जानकारी देते निदान की बात कही. उन्होंने कहा कि पिछले 18 अगस्त को केंद्रीय रेल मंत्री को यहां की विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया था. जिसमें गाड़ी संख्या 12149/50 पुणे दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के सहरसा तक विस्तार की मांग की. उन्होंने कहा कि इसका रैक दानापुर यार्ड में 21 घंटे खड़ी रहती है. इस ट्रेन को सहरसा तक विस्तार कर दिया जाये तो यह ट्रेन पूरे बिहार को सेवा दे सकती है. इस ट्रेन के विस्तार में पिट लाइन की जरूरत नहीं है. सिर्फ प्लेटफार्म अटेंशन करते हुए इस ट्रेन को रवाना किया जा सकता है. सहरसा जंक्शन में बन रहे दूसरे पिट लाइन की धीमी गति से निर्माण को तेज करने की मांग की. कोचिंग डिपो में निर्माणाधीन पिट लाइन का कार्य वर्ष 2020 में प्रारंभ हुआ था. जिसे मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए था. लेकिन अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. जिसके कारण सहरसा-नई दिल्ली क्लोन एक्सप्रेस को बरौनी शिफ्ट कर दिया गया एवं पिट लाइन के अभाव में सहरसा को पिछले पांच सालों में कोई लंबी दूरी की ट्रेन नहीं मिली. उन्होंने प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत सहरसा जंक्शन के रिमॉडलिंग का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में स्वीकृति के लिए लंबित होने की बात कहीं. परियोजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने की मांग की. सहरसा से पटना राज्यरानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के सहरसा से सरायगढ़ तक विस्तारीकरण कार्यक्रम प्रस्ताव को रोकने की मांग की. इसकी जगह नयी ट्रेन के परिचालन की मांग की. उन्होंने कहा कि यह ट्रेन प्रतिदिन भारी भीड़ के साथ चलती है. ऐसे में नयी ट्रेन चलाने की जरूरत है. उन्होंने प्रस्तावित पटना-सहरसा रात्रि कालीन ट्रेन को वाराणसी जंक्शन तक विस्तार देने की मांग की. उन्होंने कहा कि बनारस भारत के सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जानी जाती है एवं श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर पूजा करने आते जाते हैं. वहीं कोसी सीमांचल के बहुत सारे छात्र हिंदू विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए जाते हैं. ऐसे में बनारस तक ट्रेन देने से लोग को काफी लाभ होगा.

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