घने कोहरे ने धीमी की वाहनों की रफ्तार
दिन का न्यूनतम पारा 15 डिग्री तक पहुंच गया है
शाम ढ़लते ही बाजार में कम होने लगी रौनक सहरसा नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंढ़ ने अपना असर दिखाना प्रारंभ कर दिया है. सुबह शाम एवं रात्रक में चारों ओर कोहरा छाने से लोग अपने अपने घर में शाम ढ़लने से पूर्व ही दुबकने लगे हैं. सड़क पर बाइक एवं बड़े वाहन की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है. घने कोहरे से सड़क पर चलना खतरनाक होता जा रहा है. शनिवार की देर संध्या से रविवार की सुबह घने कोहरे छाए रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कोहरे के कारण विजिविलिटी कम होने से सड़क पर पांच मीटर की दूरी भी देखना काफी मुश्किल हो गया था. जिससे तेज वाहन दिन के उजाले में भी लाइट जलाकर वाहन चलाने को विवश हो गये. लेकिन इन लाइटों का असर भी घने कोहरे के कारण बेअसर होता रहा. दिन का न्यूनतम पारा 15 डिग्री तक पहुंच गया है. मौसम विभाग ने जतायी ठंड बढने के आसार अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने जानकारी देते कहा कि वर्तमान में न्यूनतम तापक्रम 15 डिग्री सेल्सियस है. जबकि अधिकतम तापमान 27 डिग्री है. आने वाले दिनों में तापमान गिरने की प्रबल संभावना है. तापमान गिरने से कुहासे की स्थिति में बढ़ोत्तरी होगी. लोग वाहनों को धीरे एवं सुरक्षित चलायें. मौसम पुर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिन सुबह में कुहासा के साथ ठंढ बढने की संभावना है. झुग्गियों में रहने वालों की बढ़ रही परेशानी ठंढ के मौसम में झुग्गियों में रहने वाले गरीब परिवारों पर ठंढ शामत बनकर आती है. ठंढ में वृद्धि से इनलोगों की परेशानी बढ रही है. इधर उधर से लकडी एवं फेंके सामान बटोर कर सुबह, शाम आग जला किसी तरह ठंढ से बचने का प्रयास कर रहे हैं. व्यवहार न्यायालय के आगे दर्जनों परिवार झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. इन परिवारों के आगे ठंढ ने समस्या उत्पन्न कर दी है. किसी तरह ये लोग जीवन बिताने को विवश हैं. झुग्गी में रह रही महिलाओं ने कहा कि चुनकर लायी गयी लकडियों के सहारे ठंढ से बचने का प्रयास करते हैं. अभी सुबह एवं शाम में ठंढ़ रह रही है. लेकिन आगे परेशानी और बढ़ेगी जो ज्यादा कष्टदायक होगा. …………………………………………………………………………………… ठंड के दस्तक देते ही चौक चौराहे पर सजी गर्म कपड़े की दुकान सहरसा ठंड की दस्तक देते ही शहर के विभिन्न चौक चौराहे पर गर्म कपड़े कंंबल एवं रजाई की बिक्री के लिए दुकान सज गयी है. रमेश झा महिला कॉलेज रोड स्थित पानी टंकी के पास सड़क किनारे दुकान लगाकर कंबल एवं रजाई बेच रहे दुकानदार इब्ले हसन ने बताया कि वे लोग मुरादाबाद से आकर पानीपत, सोनीपत जालंधर फैक्ट्री द्वारा निर्मित गर्म कंबल एवं रजाई किलो के भाव से ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके यहां कंबल, रजाई, चादर, तकिया, झूला, टेडी बेयर एवं कश्मीरी रजाई की भी बिक्री की जाती है. यहां सीधे फैक्ट्री से नये डिजाइन, नयी वैरायटी लाकर ग्राहकों को सस्ते दर में उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने कहा कि मेरे यहां तीन सौ रूपये से लेकर अधिकतम पांच सौ रूपये किलोग्राम तक कंबल एवं रजाई उपलब्ध है. जो गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए यह दुकान वरदान है. जहां सस्ते एवं आकर्षक डिजाइन के साथ ग्राहकों को मनपसंद समान उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्राहकों की सुविधा के लिए पानी टंकी के पास, यादव चौक, रहुआमनी, पंचवटी एवं शिवपुरी ढाला पर दुकान लगायी गयी है. ग्राहकों के विश्वास पर खड़ा उतरने के लिए विगत सात वर्षों से इस शहर में आकर ग्राहकों को मनपसंद गर्म कंबल एवं रजाई उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उच्च वर्ग के लोग बड़े-बड़े दुकान एवं मॉल में जाकर ऊंचे भाव में गर्म कंबल एवं रजाई खरीद करते हैं. लेकिन उनके यहां गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए काफी गर्म कंबल उचित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. इस मौके पर रामकुमार, महेंद्र कुमार, इमरान हसन, मो इम्तियाज, चंदन कुमार, प्रशांत कुमार, शिवेंद्र कुमार, अमित कुमार, विजय कुमार ने बताया कि इस दुकान पर उचित मूल्य पर गर्म कंबल एवं रजाई के कारण गरीब लोगों को ठंड से निजात मिल रही है. ………………………………………………………………………………. इम्युनिटी बूस्टर है मोर्निंग वॉक दिल के मरीज ठंड में संभल कर करें वॉकिंग ,जॉगिंग और रनिंग सिमरी बख्तियारपुर इन दिनों बदलते मौसम के साथ-साथ लोग खुद को फिट रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दे रहे है. ठंड के मौसम में जहां सुबह उठने में अधिकतर लोगों का आलस आती है. वहीं जिले के कई ऐसे लोग हैं जो रोजाना सुबह की सैर के लिए निकल पड़ते हैं. सुबह की सैर करने वाले में हर उम्र के लोग अपनी – अपनी सहूलियत के हिसाब से वॉकिंग और एक्सरसाइज करते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी फिजिकल एक्टिविटी ठंड के मौसम में पहले से कम हो जाती है. आज के डिजिटल युग में ऑफिस का काम करना हो या खरीदारी सब कुछ डिजिटल हो गया है. लेकिन ऐसे में इंसान को फिजिकल एक्टिविटी कम करने से उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है. यदि नियमित रूप से हम सुबह की सैर पर निकल जायें तो यह शरीर को फिट रखने के साथ – साथ मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में सहायक होता है. हार्ट के लिए खतरनाक है ठंड का मौसम डॉक्टरों के मुताबिक मॉर्निंग वॉक करने वाले यदि हार्ट और बीपी के पेशेंट है तो सुबह जल्दी वॉकिंग पर जाने के बजाय सुबह सात से आठ बजे के बाद ही घर से बाहर निकले. घर से बाहर निकलते वक्त गर्म कपड़े जरूर पहने और सिर पर कैप, हाथों में दस्ताने और पैरों पर जुराब जरूर पहने. इस दौरान चप्पल पहन कर नहीं बल्कि जूते पहनकर ही बाहर जाये. छोटे बच्चे पर भी ध्यान दें. नहीं होंगी सुस्ती डॉक्टरों का कहना है कि सुबह सवेरे मॉर्निंग वॉक करने से शरीर में ब्लड का रेगुलेशन बेहतर ढंग से होता है. इससे पूरे दिन शरीर में थकान या सुस्ती महसूस नहीं होती. मेटाबोलाइज्ड रेगुलेशन की वजह से हाइपरटेंशन, शुगर और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है. मॉर्निंग वॉक से शरीर के हर अंगों में खून की प्रभाव बनी रहती है और ऑक्सीजन भी पर्याप्त मात्रा में मिलती है. शुगर के मरीज भी बरते सावधानी ठंड के मौसम में अगर शुगर और हाइपरटेंशन के मरीज मॉर्निंग वॉक पर निकलते हैं तो उन्हें कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है. जिससे मरीजों को मोटिवेट और ब्रिस्क वॉकिंग को अपनाना चाहिए. इसमें तेज गति में ना चलते हुए धीरे – धीरे टहलना फायदेमंद होगा. अधिक उम्र के लोग अगर वॉकिंग पर निकलते हैं तो गर्म कपड़े पहन कर निकले और वॉकिंग के तुरंत बाद कपड़े को नहीं खोलें. मॉर्निंग वॉक के 5 फायदे दूर होती है अनिद्रा तनाव के कारण नींद पूरी नहीं होती. कई बार तो नींद लेने के लिए उन्हें नींद की गोलियां तक खानी पड़ती है. लेकिन कुछ देर सुबह वॉक करने से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती है. इससे व्यक्ति का मन शांत होता है. स्मरण शक्ति बेहतर होती है और लोग पूरे दिन ऊर्जा से भरे रहते हैं. डिप्रेशन से बचाव आज के समय में लोगों पर इतना ज्यादा दबाव है कि वे तनाव ग्रस्त बने रहते हैं और इस स्थिति के बीच कब डिप्रेशन में आ जाते हैं. उन्हें एहसास भी नहीं होता है. ऐसे में मॉर्निंग वॉक से मानसिक शक्ति मजबूत होती है. मूड बेहतर होता है और तनाव कम होता है. फेफड़ा रहता है सेहतमंद कोरोना ने हमें अपने फेफड़ों को लेकर सतर्कता सीखा दी है. अब अपने फेफड़ों की सेहत को लेकर लोग ज्यादा फिक्रमंद हुए हैं. जीवन के लिए जितना जरूरी हार्ट की सेहत है उतनी ही लंग्स की भी है. लंग्स को सुरक्षित और तंदुरुस्त बनाने में मॉर्निंग वॉक काफी लाभकारी है. दिन रहता है दुरुस्त आज के समय मे मोटापा, बीपी और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं आम हो गयी है. इनकी वजह से दिल की सेहत पर असर पड़ता है और हार्ट संबंधी समस्याओं का रिस्क बढ़ता है. रोजाना आधा से 1 घंटे की मॉर्निंग वॉक से वजन और कोलेस्ट्रॉल कम होता है. बीपी नियंत्रित रहता है और दिल की सेहत दुरुस्त रहती है. शुगर रहता है नियंत्रित डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें परहेज बहुत जरूरी है. तमाम रिसर्च बताती है कि यदि व्यक्ति नियमित तौर पर सैर करें तो डायबिटीज को नियंत्रित रखा जा सकता है. मॉर्निंग और इवनिंग वॉक डायबिटीज मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है. जॉगिंग या मॉर्निंग वॉक के वक्त ध्यान रखें जॉगिंग के वक्त अपना पोश्चर बिल्कुल सीधा रखें. अगर आप मॉर्निंग वॉक की शुरुआत कर रहे हैं तो पहले कुछ दिनों तक अपनी गति को सामान रखे.धीरे – धीरे गति को बढ़ाएं. मॉर्निंग वॉक के दौरान अधिक पानी ना पिये. यदि आपके शरीर में फैट ज्यादा है तो कुछ किलोमीटर तक तेज दौड़ने की कोशिश करें. ख्याल रखें कि सूर्य की पहली किरण के साथ मॉर्निंग वॉक करें. सुबह की हल्की धूप में आपके शरीर को पर्याप्त रूप से विटामिन डी मिलेगा. चलना एक प्रकार का वॉर्म अप होता है. इसलिए आप जोगिंग करने से पहले थोड़ी देर के लिए कुछ दूरी पैदल चलकर तय करें. 1 दिन में 15 – 20 मिनट के लिए चलना शुरू करें और धीरे-धीरे चलने की गति बढ़ाएं. यदि आप जोगिंग करते हैं तो आप उसका एक नियमित समय निर्धारित करें और प्रत्येक दिन उसका पालन करें. … मॉर्निंग वॉक सभी लोगों के लिए फायदेमंद होता है. इससे शरीर में रक्त प्रवाह के साथ हैं ऑक्सीजन भी पर्याप्त मात्रा में मिलती है. इसका एक फायदा यह भी है कि मॉर्निंग वॉक से बिना हार्ट रेट के बढ़े हुए ब्लड का प्रभाव बेहतर ढंग से होता है. हार्ट के मरीज भी मॉर्निंग वॉक कर सकते हैं. लेकिन उन्हें धीमी गति से चलना होगा. इसके अलावा हल्की धूप में ही सुबह का वॉक बेहतर होगा. साथ ही अधिक उम्र के लोग अगर मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं तो ठंड के मौसम में गर्म कपड़े पहने और चप्पल के बजाय जूते का प्रयोग करें. डॉ सुनील कुमार, चिकित्सक
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