कचरों के बीच से निकलने वाले कीड़े-मकोड़े से लेकर बीमार करने वाले सभी तरह के मच्छर तक पनपते हैं वहां
कई बीमारियों को दे रहा आमंत्रण
स्पष्ट मामला यह है कि लगभग छह माह पूर्व से ही मॉडल अस्पताल भवन के पीछे खाली जगहों पर मेडिकल वेस्ट कचरों के बीच अस्पताल सहित बारिश का गंदा पानी हिलकोरे मार रहा है. अस्पताल में इलाजरत भर्ती मरीज के वार्डों की सभी खिड़कियां उसी जल-जमाव की तरफ खुलती है. जहां कचरों के बीच से निकलने वाले कीड़े मकोड़े से लेकर बीमार करने वाले सभी तरह के मच्छर तक पनपते हैं. जो खिड़की से होकर बीमार मरीज तक आसानी से पहुंच रहे हैं. जिसे देखकर ही भर्ती मरीजों की बीमारी ठीक होने के बजाय बढ़ने लगती है. तरह तरह के कीड़े-मकोड़े अंधेरा होते ही करोड़ों के अस्पताल में घुसकर मरीजों को लाइलाज करने में जुट जाती है. जबकि जल-जमाव वाली स्थल पर शौचालय का सेफ्टी टैंक भी ढ़क चुका है. जिससे शौचालय की सारी गंदगी जमा पानी में मिलकर और भी खतरनाक और बदबूदार हो गई है. वहीं जल-जमाव के बीच ही ऑक्सीजन सप्लाई के लिए रूम बना है. जहां से कर्मी अस्पताल के वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पूरी प्रक्रिया करते हैं. बावजूद अस्पताल प्रबंधन के लोग सिर्फ अपना कोरम पूरा करने अस्पताल के अंदर पहुंचते हैं. अस्पताल की समस्या को लेकर जब सिविल सर्जन मुकुल कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसी ने इस तरह की समस्या की बात मुझे नहीं बताया है. आपके माध्यम से संज्ञान में आया है. जिसको लेकर हम सभी अधिकारी से बात करते हैं.
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