65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर जिला राजद का जिला मुख्यालय पर दिया धरना
65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर जिला राजद का जिला मुख्यालय पर दिया धरना
राज्यपाल के नाम डीएम को सौंपा ज्ञापन सहरसा . राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश के निर्देश के आलोक में गुरुवार को जिला मुख्यालय के धरनास्थल स्टेडियम परिसर में जिलाध्यक्ष प्रो.मो ताहिर की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना दिया गया. साथ ही शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल के नाम मांगपत्र सौंपा. वक्ताओं ने कहा कि महागठबंधन की सरकार के दौरान राजद द्वारा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व अति पिछड़े को सरकार द्वारा 65 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. उस आरक्षण को भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर नीतीश सरकार साजिश के तहत आनाकानी कर रही है. जबकि महागठबंधन की ने सरकार जाति जनगणना करायी थी. उसी आधार पर 65 प्रतिशत आरक्षण की सीमा निर्धारित की गयी थी. जिसको लेकर भाजपा के इशारे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टाल मटोल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसको उजागर करने के लिए जिला मुख्यालय पर महाधरना देने का निर्णय के तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालय पर धरना दिया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता इसको लेकर प्रखंड, पंचायत एवं गांवों तक जाकर लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. वहीं पूर्व विधायक अरूण कुमार व पूर्व प्रत्याशी महिषी विधानसभा गौतम कृष्ण ने कहा कि देश की मौजूदा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार अपनी संविधान विरोधी सोच एवं मानसिकता पर जिस प्रकार का काम कर रही है, उससे लग रहा है कि सरकार धूर्तता से कम कर रही है. सरकार आरक्षण कोटे को समाप्त कर रही है एवं नौकरियों में दलित, बहुजनों एवं अति पिछड़ों का आरक्षण समाप्त करना चाहती है. राष्ट्रीय जनता दल पूर्व की भांति इन वर्गों की लड़ाई लड़ता रहेगा व मुकम्मल अंजाम तक ले जायेगा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जब उपमुख्यमंत्री थे तो वादे के अनुरूप जातिगत सर्वेक्षण में जातियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति को देखते आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया. उच्च न्यायालय में जब मामला चल रहा था तो राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया एवं इसकी लड़ाई ठीक ढंग से नहीं लड़ी. जिसके कारण उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी. राष्ट्रीय जनता दल ने सर्वोच्च न्यायालय में पेटीशन दाखिल किया. उन्होंने कहा कि वंचित लोगों की हक एवं हकूक की लड़ाई के लिए राजद का एक-एक कार्यकर्ता अपनी जान की बाजी लगाने के लिए संकल्पित है. आरएसएस एवं भाजपा मध्यकालीन व्यवस्था लागू कर धर्म के आधार पर वर्गीकरण कर दलितों, बहुजनों एवं आदिवासियों को निचले पायदान पर लाकर रखने का उद्देश्य है. उन्होंने बिहार में बढ़ी हुई आरक्षण सीमा को जल्द से जल्द लागू करने एवं केंद्र की भाजपा सरकार से इसे नवमीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की. मौके पर पूर्व विधायक अरुण कुमार यादव, प्रदेश महासचिव धनिक लाल मुखिया, धीरेंद्र यादव, युवा प्रदेश उपाध्यक्ष गौतम कृष्ण, प्रधान महासचिव गोविंद दास तांती, युवा जिला अध्यक्ष भरत यादव युवा, मो अख्तर हुसैन, प्रो गीता यादव, कौशल किशोर, गुंजन देवी, प्रीतम कुमार गुप्ता, भूपेंद्र यादव, अमरेंद्र यादव, भावेश सिंह, कृष्ण मोहन चौधरी, अजय निषाद, धीरज सम्राट, पवन यादव, विजयलक्ष्मी, मो नईम आलम, टुनटुन शर्मा, पवन शर्मा, रूपेश राम, मो यूसुफ, मो जमशेद आलम, रिंकू कुमार, वाणेश्वर दास, सोनू पासवान, ललटू यादव, मनोज यादव, सतीश साह, ललन देव सदा, कपिलदेव यादव, दुलारचंद यादव, विकास कुमार, श्याम देव यादव, दिलखुश पासवान सहित अन्य मौजूद थे.
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