राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी कौ सौंपा ज्ञापन सहरसा . जिला राष्ट्रीय जनता दल ने जातीय जनगणना व गरीबों का अधिकार दिलाने को लेकर रविवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. प्रदेश के निर्देश पर यह धरना प्रदर्शन पूरे राज्य में जिला मुख्यालय पर किया गया. धरना जातीय जनगणना, महंगाई, आरक्षण के मुद्दों पर किया गया. जिसको संविधान के अनुसूची नौ में शामिल करने की मांग की गयी. जिससे 65 प्रतिशत आरक्षण मिल सके. यह नेता प्रतिपक्ष व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का आह्वान है. जिसको धरना के माध्यम से जन-जन को जागरूक करने का काम किया गया. साथ ही ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को समर्पित किया गया. धरना प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए. धरना की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रो मो ताहिर ने की. उन्होंने कहा कि गरीबों, पिछड़ों के आरक्षण व उनके अधिकारों के लिए अनवरत लड़ाई जारी रहेगी. यह सरकार आरक्षण विरोधी व पिछड़़ा विरोधी है. देश में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. लेकिन केंद्र की सरकार व डबल इंजन की सरकार जनता के साथ वादा खिलाफी कर रही है. जिसका परिणाम आने वाले चुनाव में लोग देंगे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उप मुख्यमंत्री काल में पूरे बिहार में जाति की गणना करायी गयी. जिसके परिणाम स्वरुप राज्य में दलित प्रतिरोध शोषण एवं वंचित समाज की वास्तविक स्थिति का वैज्ञानिक आंकड़ा प्राप्त हो पाया. इन आंकड़ों के आलोक में तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत बढ़ाया गया. जिससे शोषण व वंचित समाज के लोगों को उनकी संख्या के अनुसार भागीदारी मिल सके एवं मांग की गयी कि बिहार के तर्ज पर पूरे देश में जातिगत गणना करायी जाये. जिससे भारत के वंचित समाज की वास्तविक स्थिति के वैज्ञानिक आंकड़़े पटल पर आ सके. इससे वंचितों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित होंगे व आरक्षण पर लगातार हो रहे हमलों पर अंकुश लगेगा. 65 प्रतिशत आरक्षण के दायरे को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया गया. जिससे समाज के लोगों को उनकी संख्या के आधार पर सामाजिक व आर्थिक न्याय मिल सके. धरना में एमएलसी डॉ अजय कुमार सिंह, जिप उपाध्यक्ष सह प्रदेश महासचिव धीरेंद्र यादव, प्रदेश महासचिव धनिक लाल मुखिया, प्रदेश महासचिव मो अख्तर हुसैन, भीम कुमार भारती, सुरेंद्र प्रसाद यादव, प्रो गीता यादव, वीरेंद्र शेखर पासवान, मनोज कुमार यादव, गुंजन देवी, मो आजम, भूपेंद्र यादव, ई कौशल यादव, कैलाश पंजीयर, प्रीतम गुप्ता, मो नईमुद्दीन, अमरेंद्र यादव, तेजनारायण यादव, सुरेन्द्र यादव, मोमोबिन, मो जमशेद, संतोष कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे.
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