डॉक्टर्स डे : फरिश्ते से कम नहीं डॉक्टर…
डॉक्टर्स डे : फरिश्ते से कम नहीं डॉक्टर...
एक जुलाई को डॉक्टर्स डे पर विशेष सिमरी बख्तियारपुर . डॉक्टर्स धरती पर भगवान का दूसरा रूप होते हैं. भगवान के इसी अवतार के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर वर्ष एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. इनके बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. अमूमन हर किसी के जीवन में ऐसा दुखद क्षण आता है, जब वह बीमारी से पीड़ित हो जाता है. ऐसे समय में यदि आर्थिक संकट हो तो समस्या और भी गंभीर हो जाती है. वैसे तो इस पेशे में व्यावसायिकता हावी है, लेकिन जिले में आज भी कुछ डॉक्टर ऐसे हैं, जो निस्वार्थ भाव से मरीजों का इलाज करते हैं. उनके लिए फीस नहीं, मरीजों की सेवा मायने रखती है. बन गया व्यवसाय डॉक्टरों के लिए मरीजों का ट्रीटमेंट करना आज व्यवसाय बन चुका है. एक समय था जब हमारी युवा पीढ़ी सेवा और समर्पण भाव से इस आदर्श और सम्मान के पेशे में आती थी. तब जनता भी डॉक्टर को ईश्वर का दर्जा देती थी, लेकिन आज ज्यादा कमाने की लालसा ने इस पेशे का दूसरा चेहरा पेश किया है. डॉक्टरों की बढ़ती फीस और जांच कराने के नाम पर कमीशन का खेल आज खूब चल रहा है. फिर भी कमाने के अंधी दौड़ से अलग जिले मे कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैं, जिन्होंने इस पेशे मे मिसाल कायम कर मरीजों और उनके परिजनों का दिल जीता है. डॉ बीसी राय की जन्मतिथि पर मनाते हैं ””डॉक्टर्स डे”” डॉ बिधानचंद्र राय की जन्म तिथि को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा और देशप्रेम को समर्पित कर दिया था. डॉ राय का जन्म एक जुलाई 1882 को पटना में हुआ था. मेडिकल ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने लंदन में एमआरसीपी और एफआरसीएस किया. इसके बाद वे 1911 में वापस भारत आये और मेडिकल कैरियर शुरू किया. वे एक महान चिकित्सक थे, जिन्होंने अपने जीवन में कई लाख मरीजों का इलाज किया और उनकी जान बचायी. उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में रहकर पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया. डॉक्टरों की राय.. इस पेशा को बिजनेस न बनाये – डॉ सुनील डॉ सुनील कुमार वर्तमान मे खगड़िया सदर अस्पताल मे पदस्थापित है.डॉ सुनील ने बताया कि आज के दौर में कई ऐसे चिकित्सक है, जिनके द्वारा किये गए कार्य लाजवाब होते है. डॉक्टर को लोग भगवान तभी मानेंगे जब वह अपनी योग्यता को मिसाल बना कर सेवा करें. पैसा के पीछे भागेंगे तो योग्यता मर जायेगी. ऐसे में अगर आप मरीजों का दिल जीत लेते हैं तो वह सबसे बड़ी संतुष्टि है. अपने अंतर्मन में झांकें- डॉ.संजीव डॉ संजीव कुमार वर्तमान मे जेनरल मेडिकल ऑफिसर के पद पर एसडीएच सिमरी बख्तियारपुर में पदस्थापित हैं. डॉ संजीव के मुताबिक डॉक्टर्स डे के दिन डॉक्टरों को यह मौका मिलता है कि वे अपने अंतर्मन में झांके, अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझे और इस पेशे को पैसा कमाने का पेशा न बनाकर मानवीय सेवा का पेशा बनायें, तभी यह डॉक्टर्स-डे मनाना सही साबित होगा. फोटो – सहरसा 05 – डॉ संजीव कुमार फोटो – सहरसा 06 – डॉ सुनील कुमार
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