Loading election data...

सदर अस्पताल के चिकित्सक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने का बनाते हैं दबाव

सदर अस्पताल के चिकित्सक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने का बनाते हैं दबाव

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 6:03 PM
an image

अस्पताल अधीक्षक ने मामले की जांच कराने का दिया आश्वासन सहरसा. सदर अस्पताल में एक मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाया है. आरोप है कि अस्पताल के एक डॉक्टर ने मरीज को सरकारी अस्पताल में इलाज देने से इंकार करते हुए उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने का दबाव बनाया. यह मामला तब सामने आया जब बरसम सोनवर्षा निवासी पप्पू कुमार ने अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅक्टर एसपी विश्वास से इसकी शिकायत की. मरीज के परिजन पप्पू कुमार ने आरोप लगाया कि जब वह सदर अस्पताल की इमरजेंसी में मरीज लेकर पहुंचे तो वहां कार्यरत डॉक्टर ने उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा. मरीज ने अल्ट्रासाउंड कराने के बाद जब रिपोर्ट डॉक्टर को दिखायी तो डॉक्टर ने कहा कि पथरी में पत्थर है और इसका इलाज इस अस्पताल में संभव नहीं है. डॉक्टर ने मरीज को दरभंगा के एक प्राइवेट चिकित्सक के पास जाने का सुझाव दिया और इसके लिए एक पुर्जे पर उस डॉक्टर का नाम और पता भी लिखकर दे दिया. मरीज के परिजनों ने इस पर आपत्ति जतायी और दूसरे डॉक्टर से संपर्क किया. जब दूसरे डॉक्टर को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखायी गयी तो उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में पथरी में स्टोन जैसी कोई बात नहीं है. इसके बाद मरीज ने सदर अस्पताल के अधीक्षक से मुलाकात की और उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया. अस्पताल अधीक्षक डाॅक्टर एसपी विश्वास ने रिपोर्ट की जांच की और पुष्टि की कि रिपोर्ट में पथरी में स्टोन का कोई संकेत नहीं है. उन्होंने यह भी देखा कि डॉक्टर द्वारा दिये गये पूर्जे पर प्राइवेट डॉक्टर का नाम लिखा हुआ था. अस्पताल अधीक्षक ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है. मरीज के परिजनों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा इस तरह से प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भेजना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि गरीब मरीजों के साथ अन्याय भी है. जो सरकारी सुविधाओं पर निर्भर होते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version