अंग्रेजी के साहित्यकार हैं डॉ राम चैतन्य धीरज सहरसा. प्रमंडलीय पुस्तकालय में मैथिली शब्द लोक के तहत आरएम काॅलेज के मैथिली विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर व मैथिली हिंदी, अंग्रेजी के साहित्यकार डॉ राम चैतन्य धीरज की अंग्रेजी में रचित पुस्तक माइ सिजोफ्रेनिक माइंड का बुधवार को विमोचन व परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि प्रो ईशनाथ झा, डाॅ विश्वनाथ विवेका, विशिष्ट अतिथि डॉ केएस ओझा, प्रो सरोज कुमार ठाकुर, डॉ शिशिर कुमार मिश्रा, अरविंद कुमार मिश्र, नीरज कविज, सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ कुमार विक्रमादित्य, मुक्तेश्वर सिंह मुकेश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. अतिथियों को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि डॉ ईशनाथ झा ने कहा कि यह कविता बहुत ही बोधगम्य भाषा में रचना की गयी है एवं लेखन शैली भी अद्भुत है. उन्होंने अपने लेखन में तथ्यों को बड़ी सुक्ष्मता से प्रस्तुत किया है. कवि अरविंद मिश्र नीरज ने कहा कि महाविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में हमलोगों ने साथ ही प्रवेश लिया था. पुस्तक में कही कोई मिलावट या काल्पनिक उल्लेख नहीं किया गया है. डॉ विश्वनाथ विवेका ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि राम चैतन्य धीरज की यह लंबी कविता कवि के सिजोफ्रेनिक दिमाग व स्थिति के सबंध में प्रकाश डालती है. धीरज के पुत्र डॉ प्रदीप प्रांजल ने कहा कि अंग्रेजी भाषा साहित्य में इस पुस्तक का किस तरह स्वागत किया जायेगा, यह तो अंग्रेजी साहित्य के शिक्षाविद् व सुधि पाठकजन ही बतायेंगे, लेकिन इसकी कथानक, लेखनशैली एवं तथ्यात्मक मौलिकता इन्हें दुनिया के सिजोफ्रेनिया से मुक्त हुए लेखकों व साहित्यिकारों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए प्रर्याप्त अवसर प्रदान करते हैं. मंच संचालन डॉ अक्षय कुमार चौधरी एवं धन्यवाद ज्ञापन मैथिली कवि एवं साहित्यकार मुख़्तार आलम ने किया. इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभाग के डॉ आलोक कुमार, डॉ कमलाकांत, डॉ श्वेता शरण, डॉ प्रतिष्ठा कुमारी, डॉ अखिलेश कुमार मिश्र, शैलेन्द्र शैली, रणविजय झा, डॉ रमण कुमार झा, डॉ प्रदीप प्रांजल, डॉ प्रीति प्रांजल एवं अन्य विद्वतजन व प्रमंडलीय पुस्तकालय के सिविल सर्विस के अभ्यर्थी छात्र छात्राएं मौजूद थे.
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