दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया गया सम्मान सहरसा. जैविक विज्ञान व बहुविषयक अनुसंधान के माध्यम से ग्रामीण जनमानस के उत्थान के लिए वैश्विक प्रयास विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में बीएन मंडल विश्वविद्यालय की जूलॉजी विभाग रिसर्च स्कॉलर डॉ शांति कुमारी को ईमीनेंट साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया. सम्मेलन आठ व नौ जून को गोसनर कॉलेज रांची, झारखंड में सेंटर फॉर सोशल एंड एनवायरनमेंटल रिसर्च रांची के सहयोग से वनस्पति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में संयुक्त रूप से किया गया. यह अवार्ड शांति कुमारी उर्फ शांति लक्ष्मी चौधरी के एक्वेटिक साइंस एंड फिसरीज के क्षेत्र में विभिन्न शोध आलेखों के प्रकाशन व विभिन्न सेमिनार व कांफ्रेंस में प्रस्तुत रिसर्च पेपर प्रजेंटेशन के लिए दिया गया. डॉ शांति कुमारी ने अभी गुरू घासीदास विश्वविद्यालय विलासपुर छत्तीसगढ़ में आयोजित 35वां ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ जूलॉजी तथा पारिस्थितिकी जैव विविधता संरक्षण, खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा में चुनौती व विमर्श दृष्टिकोण के विशेष संदर्भ में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी जलीय पारिस्थितिकी, जल गुणवत्ता व मत्स्य विकास पर कच्चे व किण्वित कुक्कुट खाद के प्रभाव विषय पर शोध आलेख प्रस्तुत किया है. रेहु, कतला, एवं मृगला प्रजाति के मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के लिए पोलेट्री मेन्योर के प्रयोग एवं प्रभाव विषय पर अपने प्रायोगिक कार्यों से संबंधित चित्रों, सारणीयों एवं ग्राफिक्स विश्लेषण के आंकड़ों के संकलन से पोस्टर द्वारा प्रजेंटेशन पर उन्हें उत्कृष्ट पोस्टर प्रजेंटेशन का अवार्ड भी मिला है. विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में इनके आलेख प्रकाशित हुए हैं. इसके अतिरिक्त आइसीएसएसआर, यूजीसी इंडियन साइंस कॉंग्रेस एसोसिएशन एवं अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों एवं सम्मेलनों में भी इनके कई शोध आलेख प्रस्तुत हुए हैं. एक्वैटिक साइंस एवं फिसरीज की रिसर्च साइंटिस्ट डॉ शांति कुमारी उर्फ शांतिलक्ष्मी चौधरी महिषी प्रखंड के ग्राम पंचायत आरापट्टी की मुखिया रहते वर्ष 2019 में भारत सरकार के पंचायती राज विभाग के तत्वावधान में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में जेंडर एनालिसिस एंड मेनस्ट्रीमींग विषय पर अपने प्रोजेक्ट एवं प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की थी. फोटो – सहरसा 05 – सम्मेलन में भाग लेती डॉ शांति लक्ष्मी चौधरी.
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