जलनिकासी प्रबंधन बंद होने से मंदिर परिसर में फैली है गंदगी
जलनिकासी प्रबंधन बंद होने से मंदिर परिसर में फैली है गंदगी
प्रशासन व न्यास समिति नहीं कर रही पहल महिषी. क्षेत्र के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र मुख्यालय स्थित सिद्ध शक्तिपीठ उग्रतारा मंदिर का प्रबंधन संतोष जनक दिखाई नहीं पड़ रहा. मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगे चापाकल व मिठाई दुकान का पानी चहारदीवारी में महीनों से कैद है व उससे सड़ांध बदबू निकलने लगा है. बता दें कि महिषी-चैनपुर पथ के किनारे बने कच्चे नाला से पानी की निकासी होती रही है. कुछ माह पूर्व कतिपय स्थानीय लोगों द्वारा नाला को मिट्टी डाल बंद कर दिया गया है व जल निकासी पूर्ण रूप से ठप पड़ा है. जलजमाव के कारण कैफेटेरिया भवन व चहारदीवारी का जीवन काल संकट में है व गंदे पानी का रिसाव सड़क पर होने से पक्की सड़क भी टूटने लगी है. पिछले एक माह पूर्व मंदिर न्यास के सचिव केशव चौधरी द्वारा अंचल अधिकारी को आवेदन देकर मापी करा अतिक्रमण हटाने की मांग की गयी थी. लेकिन अब तक समस्या का निदान नहीं हो पाया है. आगामी तीन अक्तूबर से शारदीय नवरात्र संभावित है व प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का आगमन होना तय है. जल निकासी का प्रबंधन नहीं होने से समस्या और भी जटिल बनेगी व जनाक्रोश भड़कने की संभावना प्रबल है. इस बाबत सीओ अनिल कुमार ने बताया कि अंचल अमीन के द्वारा सड़क की जमीन का सीमांकन करा दिया गया है. नाली की व्यवस्था कराना मंदिर न्यास की जबावदेही है.
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