खेती में नयी नयी विधियों का प्रयोग करने के महत्व पर जोर
अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का हुआ समापन
अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का हुआ समापन डॉ सुनीता पासवान किसानों को तकनीकी सहायता एवं मार्गदर्शन करती है प्रदान सहरसा कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर में शुक्रवार को अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का समापन किया गया. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य अनुसूचित जाति के किसानों एवं उद्यमियों को मशरूम की खेती की तकनीकों में कुशल बनाना व उनकी आय में वृद्धि करना है. वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र डॉ नित्यानंद ने किसानों के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने किसानों की फसल उत्पादकता बढ़ाने, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने एवं खेती में नयी नयी विधियों का प्रयोग करने के महत्व पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने किसानों को उनकी उपज की गुणवत्ता सुधारने एवं विपणन की बेहतर तकनीकों का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित किया. उन्होंने किसानों को जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं समेकित खेती प्रणाली जैसे विषयों पर भी जागरूक किया. उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि किसानों को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों का पूरा लाभ उठाना चाहिए. पहले दिन प्रतिभागियों को मशरूम की विभिन्न किस्मों, उनके पोषण मूल्य एवं बाजार में मांग के बारे में जानकारी दी गयी. दूसरे एवं तीसरे दिन, प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन की तकनीकी प्रक्रिया सिखाई गयी. जिसमें बीज की तैयारी, मिट्टी का मिश्रण एवं उत्पादन के लिए सही परिस्थितियों का निर्माण शामिल था. चौथे दिन प्रतिभागियों ने व्यावहारिक सत्र में भाग लिया. जहां उन्होंने खुद से मशरूम उत्पादन की प्रक्रियाओं को लागू किया एवं विभिन्न चरणों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया. पांचवें दिन मशरूम की खेती में संभावित रोगों एवं कीटों का प्रबंधन कैसे करें, पर विस्तृत जानकारी दी गयी. इसके अलावा प्रतिभागियों को उत्पादन बढ़ाने के तरीकों एवं विपणन की रणनीतियों के बारे में भी सिखाया गया. प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. बताया गया कि कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ सुनीता पासवान अनुसूचित जाति के किसानों एवं उद्यमियों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. डॉ सुनीता पासवान अनुसूचित जाति के किसानों के लिए मशरूम उत्पादन, जैविक खेती, जल प्रबंधन एवं अन्य कृषि तकनीकों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती हैं. वह किसानों को तकनीकी सहायता एवं मार्गदर्शन प्रदान करती हैं. जिससे वे अपने कृषि उत्पादन को बढ़ा सकें एवं आधुनिक कृषि तकनीकों को अपना सकें. महिला किसानों को भी विशेष रूप से प्रशिक्षित करती हैं. जिससे वे कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके एवं अपनी आय में वृद्धि कर सके. डॉ सुनीता पासवान का यह प्रयास अनुसूचित जाति के किसानों को स्वावलंबी बनाने एवं उनकी आय में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. उनका कार्य क्षेत्रीय कृषि विकास एवं समुदाय के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है