मॉनसून की पहली बारिश कल से होने की संभावना
मॉनसून की पहली बारिश कल से होने की संभावना
किसानों में खुशी तो नगर निगम क्षेत्र में जल-जमाव का खौफ झमाझम तेज बारिश की है संभावना, इस बीच तापमान में बढ़ोतरी से लोग परेशान प्रतिनिधि, सहरसा तपती दूपहरी व झुलसाने वाली गर्मी से लोग परेशान हो उठे हैं. उस पर मानसून की देरी से कृषि कार्य भी बाधित हो हो रहा है. हालांकि इस समय तक सामान्य रूप से जिले में मॉनसून प्रवेश करती रही है. लेकिन विभागीय संभावनाओं के अनुसार दो दिन देर से 17 जून को मॉनसून जिले में प्रवेश करेगा. जिसके बाद ही लोगों को तपती गर्मी व उमस से लोगों को थोड़ी राहत मिल सकेगी. इससे जहां किसानों को लाभ होगा. वहीं नगर निगम क्षेत्र के लोगों के लिए जल-जमाव बड़ी समस्या बनकर आयेगी. जो तेज गर्मी से भी शायद कष्टदायक होगी. निगम कार्यालय में चल रहे आपसी खींचतान में जल-जमाव फिर से एक बडी समस्या बनने वाली है. कागजों पर तैयारी पूरी तरह नजर आ रही है. जिलाधिकारी द्वारा तैयारी की समीक्षा के दौरान कागजों पर जबरदस्त तैयारी दिखाई गयी है. लेकिन धरातल पर लोगों को कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है. निगम आयुक्त क्यूआरटी टीम तक के गठन एवं 24 घंटे हेल्प डेस्क कार्यरत रहने की बात कही गयी है. साथ ही पंप सेट व अन्य आवश्यक तैयारी की बात कही गयी है. अब देखना है कि समय पर समस्याओं से घिरे लोगों को समय पर यह सहायता मिलती है या नहीं. मौसम विभाग ने मॉनसून के पहले दिन से ही झमाझम बारिश की संभावना जतायी है. सोमवार को जहां 70 एमएम बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है. वहीं दूसरे दिन मंगलवार को 75 एमएम बारिश की संभावना जतायी है. जबकि इसके बाद भी मध्यम बारिश की संभावना है. मॉनसून की बारिश से सहम रहे शहरवासी किसानों को जहां मॉनसून के बारिश का इंतजार खत्म होने की संभावना है. वहीं निगम क्षेत्र के लोगों को मॉनसून की होने वाली वर्षा के संभावनाओं से ही डर लगने लगा है. मौसम विभाग ने मॉनसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जतायी है. बारिश का नाम सुनते ही निगम क्षेत्र के लोगों को जल-जमाव की समस्या याद आने लगती है. जिससे वे अभी से ही परेशान हो रहे हैं. ऐसे में नगर निगम की धरातल पर शून्य तैयारी से लोग परेशान हो रहे हैं. हालांकि नगर निगम पूरी तैयारी की बात कह रहा है. अब देखना होगा की लोगों को जल जमाव की समस्याओं से इस बार निजात मिलती है. या फिर पूर्व की भांति क्षेत्र के लोग एक बार फिर से महीनों घर में कैद होने को विवश होते हैं. नाले तक की नहीं हुई पूर्ण सफाई निगम द्वारा नाले की सफाई दूसरी बार किए जाने की बात कही जा रही है. वहीं स्थानीय लोग कुछ जगहों पर एक बार भी सफाई नहीं होने की बात कह रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्य सड़क के किनारे कुछ नालों की सफाई कर मात्र खानापूर्ति की गयी है. जबकि असली जल जमाव मुहल्ले में होता है. जहां नाले तक की सफाई नहीं हुई है. जिससे वार्ड में जल-जमाव पूर्व से अधिक हो सकता है. जिससे जनजीवन गहरे संकट में पड़ सकता है. लोगों का कहना है कि महापौर एवं नगर आयुक्त के बीच लंबे समय से चल रहे मतभेद में आम जनता पिस रही है. पूर्व की तरह शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था भी नहीं है. लोगों ने नगर निगम बनने के बाद क्षेत्र के बेहतर होने का सपना देखा था. लेकिन लोगों को अब तक कोई लाभ नहीं मिल सका है. जिससे क्षेत्र के लोग परेशान हैं. निगम में आपसी खींचातान में निगम क्षेत्र की बेकसूर जनता पिस रही है. अब जबकि दो दिन बाद मॉनसून की झमाझम बारिश होने वाली है. वहीं धरातल पर तैयारी शून्य दिख रही है. जबकि निगम कार्यालय को क्षेत्र के किन हिस्सों में अत्यधिक जल-जमाव होता है कि जानकारी है. वहां भी किसी तरह की तैयारी नजर नहीं आ रही है. सामान्य से अधिक बारिश की है संभावना मौसम विभाग ने इस वर्ष जिले में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना व्यक्त की है. अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विभाग के तकनीकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में 17 जून को मॉनसून की पहली बारिश की प्रबल संभावना है. पहले दिन सोमवार को जहां 70 एमएम बारिश होगी. वहीं दूसरे दिन मंगलवार को 75 एमएम बारिश होगी. बुधवार को 35 एमएम बारिश होगी. इसके बाद भी बारिश की संभावना है. वहीं उन्होंने बताया कि शनिवार को 36 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. 20 किलोमीटर की रफ्तार से पूर्वा हवा चलने से तेज गर्मी से लोगों को थोडी राहत बनी रही. लेकिन उमस से थोडी परेशानी रही. मॉनसून की देरी से खेती पर भी पड़ रहा असर अत्यधिक गर्मी के कारण खरीफ फसल में भी विलंब हो रहा है. किसानों ने अब तक खेतों में धान के बिचडे तक नहीं गिराये हैं. ऐसे में जिले की मुख्य फसल धान की खेती पर साफ असर पडता दिख रहा है. किसान बीज के लिए खेत तक तैयार नहीं कर सके हैं. जिससे फसल पर असर होना साफ दिख रहा है. लेकिन मॉनसून की देरी से इस वर्ष खेती में विलंब हो रहा है. किसान मॉनसून की पहली बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
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