दूसरी बार शराब सेवन के आरोपी को एक वर्ष की सजा सहरसा . विशेष न्यायाधीश उत्पाद मौसमी सिंह ने शराब तस्करी के मामले में दो अभियुक्तों को सजा सुनाई है. तस्करी के मामले में नौबत्ता थाना क्षेत्र के दलाल निवासी मो अनवारुल पिता मो सिद्दीकी, मो वकील पिता मो सिद्दीकी को सजा सुनायी है. रात्रि गश्ती के क्रम में एएसआई डरहार ओपी राजमोहन गोंड को 29 जुलाई 2021 में सूचना मिली कि डरहार नदी घाट पर नाव से शराब की खेप आने वाली है. त्वरित कार्रवाई करते हुए सूचक अपने साथ के सशस्त्र बल के साथ डरहार घाट पर पहुंंच गये. एक नाव घाट पर आकर लगी जिसे घेर कर अभिरक्षा में लिया गया व तलाशी के दौरान नाव से कुल 30.75 लीटर विदेशी शराब के साथ दोनों अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया. विचारण के दौरान अभियोजन की ओर कुल चार साक्षियों का परीक्षण न्यायालय में कराया गया. जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी तीन साक्षियों का परीक्षण न्यायालय में कराया गया. अभियुक्तों को उत्पाद अधिनियम के तहत दोषी पाया गया. जिसके तहत पांच वर्ष कारावास व एक लाख रुपया जुर्माना लगाया गया. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी गयी. वहीं दूसरी बार शराब पीने के आरोप में एक अभियुक्त को भी सजा सुनायी गयी. अभियुक्त सुलिंदाबाद वर्ड सात निवासी मो मुन्ना बेग पिता सेहबुल्ला को दूसरी बार शराब पीने के आरोप में वादी अनि इंद्रमणि द्वारा गिरफ्तार कर अग्रसारित किया गया. विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से एक मात्र साक्षी अनि उत्पाद इंद्रमणि का परीक्षण न्यायालय में कराया गया. दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किया गया. जिसके बाद न्यायालय में अभियुक्त मुन्ना बेग को दूसरी बार शराब पीने के आरोप में दोषी करार दिया. इसको लेकर एक वर्ष की कारा की सजा सुनायी. आर्म्स एक्ट के दोषी को तीन वर्ष साधारण कारावास व छह हजार का अर्थदंड सहरसा. व्यवहार न्यायालय के एसीजेएम चंदन कुमार वर्मा ने शुक्रवार को सौरबाजार थाना में दर्ज मामले में अभियुक्त को सजा सुनायी. विभिन्न धाराओं के साथ आर्म्स एक्ट के तहत अभियुक्त मो हसनैन आलम चिकनी दक्षिण थाना सौरबाजार को तीन वर्ष का साधारण कारावास व छह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड की राशि नही देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा दी जायेगी. अभियोजन की ओर से वरीय अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी शंभु शरण कर्ण ने पक्ष रखा. जिसमें कुल पांच गवाहों की गवाही करायी गयी. जिसमें गवाहों द्वारा घटना का पूर्ण समर्थन किया गया. इसके अनुसंधानकर्ता पुअनि मो शाहिद खांं, सूचक अनि राजकिशोर सिंह थे. एक देसी राइफल एक जिंदा गोली बरामद किया गया था.
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