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फल फूल रहा गांजा व नशीले पदार्थ की तस्करी

बैजनाथपुर व आसपास के क्षेत्र में फल-फूल रहा है गांजा व नशीले पदार्थों की तस्करी, पान दुकान, दवाई दुकान की आर में फल फूल रहा नशे का कारोबार, बच्चे व युवा नशे के हो रहे आदी

बैजनाथपुर व आसपास के क्षेत्र में फल-फूल रहा है गांजा व नशीले पदार्थों की तस्करी, पान दुकान, दवाई दुकान की आर में फल फूल रहा नशे का कारोबार, बच्चे व युवा नशे के हो रहे आदी सौरबाजार . नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस भले ही पूरी तरह प्रयासरत है. लेकिन तस्कर पुलिस से एक कदम आगे बढ़कर काम कर ले रहे हैं. वर्तमान में बैजनाथपुर चौक व आसपास की क्षेत्रों में गांजा, कोरेक्स सहित अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी पूरी तरह फल फूल रहा है. पान चाय व चप्पल दुकान की आर में जहां खुलेआम गांजा की तस्करी हो रही है. वहीं मेडिकल दुकान की आर में प्रतिबंधित कोडिंग युक्त कप शिरफ व नशीले टेबलेट खुलेआम बेची जा रही है. पुलिस सबकुछ जानते हुए भी अनजान बनी रहती है. इन नशीली पदार्थों की तस्करी करने वालों का सांठगांठ आपराधिक गतिविधि वाले लोगों के साथ भी रहने के कारण कोई भी व्यक्ति खुलकर इसकी शिकायत या विरोध करना मुनासिब नहीं समझते हैं. पुलिस को इनलोगों के बारे में कोई गुप्त तरीके से सूचना देती भी है तो इन्हें पता चल जाता है कि शिकायत पुलिस के पास पहुंची है. इस बात से साफ जाहिर होता है कि ये तस्कर भी पुलिस से मिलकर काम करती है. जिसके कारण कोई इस झमेले में पड़ना नहीं चाहता है. बैजनाथपुर चौक के अधिकांश दवा दुकानदारों द्वारा नशीले टेबलेट की बिक्री खुलेआम की जाती है. वे ऐसे टेबलेट को दुकान में नहीं रखकर दुकान के आसपास छुपाकर रखते हैं एवं ग्राहक आने पर उन्हें लाकर दे देते हैं. गांजा तस्करों की भी लगभग यही स्थिति है. पान दुकान में बिकने वाली सिगरेट में भी गांजा भरा रहता है. जिसे पीने वाले दुकान पर खड़ा होकर सबके सामने पीते भी हैं. जिसे देखने से तो लगता है कि सिगरेट पी रहा है. लेकिन उनमें गांजा भरा रहता है. नशीले पदार्थों की खुलेआम हो रही बिक्री के कारण छोटे-छोटे बच्चे व युवा नशे के आदी हो रहे हैं. वे अपने केरियर समाप्त करने में तुले हैं जिसपर रोक लगाने की जरूरत है. क्षेत्र के कई बुद्धिजीवियों ने कहा कि पुलिस प्रशासन चाह ले तो इसपर लगाम लगाया जा सकता है. जब इन तस्करों से उनकी सेटिंग ही है तो फिर लगाम लगाना मुश्किल है. सौरबाजार एवं बैजनाथपुर थाना क्षेत्र में इससे पहले कई शराब तस्कर एवं गांजा तस्कर की आपसी विवाद में हत्या भी हो चुकी है. ……………………… सीटेट परीक्षा के दौरान पकडे गए तीन फर्जी परीक्षार्थी, भेजे गए जेल सहरसा जिला मुख्यालय के विभिन्न केंद्रों पर रविवार को हुई सीटे परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा में कुल तीन फर्जी परीक्षार्थी पकडे गये. पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि सदर थाना के तहत एमएलटी कॉलेज परीक्षा केंद्र से परीक्षार्थी पूनम कुमारी के बदले अमीषा कुमारी परीक्षा दे रही थी. वहीं नीतु कुमारी के बदले गुंजन कुमारी परीक्षा दे रही थी. इन दोनों फर्जी परीक्षार्थी बयोमैट्रिक जांंच के दौरान पकड़े गये. साथ ही जिला स्कूल परीक्षा केंद्र से मोनीका कुमारी को बयोमैट्रिक जांंच के दौरान पकड़ा गया. आवेदक सह केंद्राधीक्षक के आवेदन के आधार पर सदर थाना में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर फर्जी परीक्षार्थी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. …………………………… नियोजन कार्यालय में स्टडी कीट के लिए आवेदन 20 तक सहरसा श्रम संसाधन विभाग के नियोजन सह मार्गदर्शन कार्यक्रम योजना के तहत योग्य अभ्यर्थियों को 20 जुलाई तक नियोजन कार्यालय में जमा लिया जायेगा. जानकारी देते नियोजन पदाधिकारी अंकिता ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा यूपीएससी, बीपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के लिए दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक रूप से पिछडे 18 से 35 आयु वर्ग के इंटरमीडिएट या स्नातक उत्तीर्ण वार्षिक आय एक लाख 80 हजार एवं छह माह पूर्व प्रादेशिक नियोजनालय सहरसा में निबंधित अभ्यर्थी स्टडी किट आवेदन के लिए योग्य हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि आवेदकों का चयन विभागीय निर्देशानुसार उपनिदेशक नियोजन कोसी प्रमंडल के अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा. योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार 20 जुलाई तक नियोजन पदाधिकारी अवर प्रादेशिक योजनालय आईटीआई परिसर में स्थित कार्यालय में जमा कर सकते हैं. …………………………… बदले मौसम से अस्त व्यस्त जिंदगी को मिली थोडी राहत, सरकारी नाव की नहीं रहने से परेशानी महिषी पिछले दस दिनों से क्षेत्र में लगातार वर्षा व बराज से अधिकतम डिस्चार्ज के कारण अस्त व्यस्त जनजीवन को बदलते मौसम व डिस्चार्ज में कमी आने से हल्की राहत मिली है. लोग अपने घरों से निकल आवश्यक कार्यों के निष्पादन में लग रहे हैं. कोसी के जलस्तर में गिरावट आने से कई जगहों पर कटनियां तेज होने की संभावना बनी है. कमला बलान उफान पर है व उसमें भी कमी आने की संभावना है. बाढ़ के कारण अधिकांश पंचायतों के दर्जनों गांव का सड़क संपर्क बाधित हो जाने के कारण आवागमन दुरूह हो गया है. लोगों को पानी में पैदल या फिर नाव की सवारी करनी पड़ रही है. सुदूर बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पदस्थापित व कार्यरत शिक्षकों से भी निजी नाव मालिकों द्वारा आर्थिक दोहन किया जा रहा. अंचल प्रशासन अब तक अपने सर्वेक्षण रिपोर्ट के बहाने चैन की बंसी बजा रही है. कहीं भी अबतक सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं रहने से लोगों में क्षोभ देखने को मिल रहा.

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