सर्पदंश से बच्ची की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
सर्पदंश से बच्ची की मौत, इलाज में लापरवाही का आरोप
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के मुख्य द्वार के सामने धरना पर बैठक परिजन कहा, समय से होता इलाज तो बच जाती बच्ची की जान सहरसा. सदर थाना क्षेत्र के कहरा वार्ड नंबर 10 की निवासी 7 वर्षीय बच्ची सोनाक्षी कुमारी की शनिवार की शाम को विषैले सांप के डंसने के बाद आनन-फानन में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. इस घटना से गुस्साये परिजनों और स्थानीय लोगों ने इमरजेंसी वार्ड के सामने शव के साथ धरना देते हुए विरोध प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये. इलाज में लापरवाही का आरोप मृत बच्ची के पिता दिन यादव ने आरोप लगाया कि अस्पताल में इमरजेंसी में तैनात डॉ पंकज कुमार ने इलाज में घोर लापरवाही बरती. उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने लगभग 45 मिनट तक कोई उपचार शुरू नहीं किया. जब परिजनों ने बार-बार आग्रह किया तो डॉक्टर ने भगा दिया व मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने के लिए दबाव देने लगा. परिजनों का कहना है कि यदि डॉक्टर समय पर इलाज शुरू कर देते तो सोनाक्षी की जान बचायी जा सकती थी. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि जब बच्ची की मौत हो गयी, तब डॉक्टर ने सिर्फ दिखावे के लिए इलाज शुरू किया. इससे परिजनों का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठे परिजन मृतक बच्ची के परिजनों ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के मुख्य द्वार के सामने धरना शुरू कर दिया. धरने में स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला परिषद उपाध्यक्ष धीरेंद्र यादव भी शामिल हुए. श्री यादव ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने का आरोप लगाया और कहा कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्ची की जान गयी है. अस्पताल में आये दिन मरीजों के साथ इस तरह की घटना आम बात है. चिकित्सक मरीजों को प्राइवेट में इलाज कराने के लिए दबाव डालते हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. धरना के दौरान जिला परिषद उपाध्यक्ष धीरेंद्र यादव ने जिलाधिकारी से फोन पर बात की और घटना की जानकारी दी. जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. धरना स्थल पर पहुंचे अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एस पी विश्वास ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जायेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जायेंगे. सदर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. लोगों ने आरोप लगाया कि सदर अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. उनकी मांग है कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो. सदर अस्पताल में हुई इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी अस्पतालों में हो रही लापरवाहियों को उजागर किया है. परिजनों का कहना है कि यदि समय पर उचित इलाज मिला होता तो सोनाक्षी की जान बचाई जा सकती थी. अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है. फिलहाल घटना ने पूरे जिले में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़ा कर दिया है.
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