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छोटे किसानों के घर जाकर उनकी समस्याओं का करें निदानः डीएम

उद्यानिक अवयव मशरूम एवं मधुमक्खी पालन भूमिहीन कृषक के लिए वरदान है

संयुक्त कृषि भवन परिसर में लगा दो दिवसीय जिलास्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनीएक सौ से अधिक कृषकों ने लिया भाग सहरसा दो दिवसीय जिलास्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन बुधवार को संयुक्त कृषि भवन परिसर में किया गया. मेला का उद्घाटन जिलाधिकारी वैभव चौधरी, जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा ज्ञानचंद शर्मा, जिला पंचायत राज पदाधिकारी संजीव कुमार, सहायक निदेशक रसायन अमितेश कुमार, सहायक निदेश कृषि अभियंत्रण नवीन कुमार नवनीत, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सदर ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर आनंद चौधरी, परामर्शी डॉ मनोज सिंह, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र ऋषिरंजन, उप परियोजना निदेशक आत्मा राजेश कुमार सिन्हा एवं जिलास्तरीय पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. जिला कृषि पदाधिकारी सह सयुक्त निदेशक शष्य ने जिला स्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी के बेहतर आयोजन के लिए किसानों का धन्यवाद करते अच्छा प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तर पर सहरसा जिला का नाम रौशन करने का आह्वान किया. उन्होंने विभिन्न उद्यानिक उत्पाद के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में बताया. साथ ही उद्यानिक अवयव मशरूम एवं मधुमक्खी पालन भूमिहीन कृषक के लिए वरदान है की जानकारी दी. उनके द्वारा यह भी बताया गया कि बिना उर्वरक के हरी सब्जियों का अधिक उत्पादन किया जा सकता है. सहायक निदेशक उद्यान ने बिहार में चलायी जा रही राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत नए बगीचों की स्थापना, केला क्षेत्र विस्तार एवं आम क्षेत्र विस्तार, मुख्यमत्री बागवानी मिशन योजना अंतर्गत केला, आम, अमरूद, प्लास्टिक कैरेट, लेनो बैग, मशरूम, अग्रपंक्ति प्रत्यक्षण, मखाना विकास योजना अंतर्गत मखाना बीज वितरण, क्षेत्र विस्तार के लिए नए किसानों का चयन, मखाना भंडारण गृह, मखाना प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं मशरूम झोपड़ी के संबंध में व्यापक चर्चा की एवं संबंधित किसानों से अनुरोध किया कि योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाये. जिलाधिकारी ने जिलास्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी में विभिन्न क्षेत्रों से प्रदर्श लेकर आये किसानों से आह्वान किया कि इसकी जानकारी अपने आसपास के किसानों को भी दें एवं दिखायें. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करें एवं छोटे किसानों के घर जाकर उनकी समस्याओं का निदान करें. जलवायु अनुकूल कृषि तकनीक को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करें. फसल विविधीकरण को बढावा दें. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षावरण में वृद्धि, मृदा संरक्षण, फसलों की खेती से वंचित भूमि पर फलदार पेड़ लगाने की बात कही. किसान मेला सह प्रदर्शनी में जिला के प्रगतिशील किसान, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, एटीएम, बीटीएम, प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने भाग लिया. किसान मेला सह प्रदर्शनी में जैविक फूलगोभी, जैविक बदागोभी, काली हल्दी, जैविक गन्ना, मूली, गाजर, बैगन, टमाटर, मिर्च, आलू, लौकी, मटर, केला, करेला, ओल, कोहडा कदीमा, ब्रोकली, चाईनीज गोभी, सलादपत्ता, शिमला मिर्च, मशरूम, अमरूद, पपीता, बेल, नीबू, आंवला, स्ट्रॉबेरी, शहद, मगही पान एवं मखाना का प्रदर्श किया गया. सदाबहार पत्ती एवं फूल, क्रोटन, कोलियस, विगोनिया, डिफेनबेकिया, सिनगोनिया, रबर प्लांट, बोनसाई, बोगन वेलिया, अफ्रीकन गेदा, फ्रेंच गेदा, डहेलिय, पत्त्थरचट्टा, ऐलुवरा, पिदुनिया सिंगल एवं डबल, सालविया, गुलाब फ्लोरिबंडा, हाईब्रिड टी-रोज का भी प्रदर्श लगाया गया. किसान मेला सह प्रदर्शनी में जिले के से कुल एक सौ कृषकों द्वारा विभिन्न तरह के कुल 12 वर्ग में 50 तरह के प्रदर्श को प्रदर्शित किया गया. फोटो – सहरसा 54 – कार्यक्रम का उद्घाटन करते डीएम व अन्य फोटो – सहरसा 55 – प्रदर्श को देखते डीएम व अन्य

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