सहरसा. विधान परिषद के मॉनसून सत्र में एमएलसी डॉ अजय कुमार सिंह ने पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने सदन में पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार में कटौती किए जाने का आरोप लगाते कहा कि संविधान के 73वें संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को छीनने की साजिश बिहार सरकार कर रही है. ग्राम सभा से पारित निर्णयों की अनदेखी सरकार प्रशासन के स्तर पर होना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री सोलर लाईट योजना में सोलर लाईट का अधिष्ठापन पंचायती राज विभाग द्वारा ब्रेडा के माध्यम से एजेंसी द्वारा ग्राम पंचायतों में की जा रही है. उन्होंने सदन में स्पष्ट कहा कि सोलर लाईट जो पंचायत में लग रहे हैं, वे मानक के अनुकूल नहीं हैं. वार्ड सदस्यों को उनके वार्ड में जल नल योजना को देखरेख का जिम्मा सरकार को देना चाहिए. जिससे योजना का क्रियान्वयन ढीक देख ढंग से हो एवं उनकी रोजी-रोटी चल सके. उनका मानदेय हमलोगों के प्रयास में बढ़ा, लेकिन वह भी अल्प है. योजनाओं के क्रियान्वयन में वार्ड सदस्य की भूमिका भी होनी चाहिए. पंचायत प्रतिनिधियों मानदेय बढ़ा. लेकिन वह बढती मंहगाई को देखते हुए अपर्याप्त है. पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, उप प्रमुख के मानदेय में बढ़ोतरी करना आवश्यक है. राज्य सरकार 15वीं व छठवीं वित्त की राशि के आवंटन में ग्राम पंचायतों को अधिक भागीदारी सुनिश्चित करे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को ग्राम सभा के अधिकारों को परिभाषित करने की जरूरत है.
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