सरकार मजदूरों से छीनना चाहती है अधिकार – दुखी शर्मा
सरकार मजदूरों से छीनना चाहती है अधिकार - दुखी शर्मा
विभिन्न मांगों को लेकर सीटू कार्यकर्ताओं ने श्रम कार्यालय पर दिया धरना सहरसा. बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन सीटू के राज्य व्यापी आह्वान पर मजदूरों के विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को श्रम कार्यालय पर कामगार यूनियन ने एक दिवसीय धरना दिया. मजदूर नेता दुखी शर्मा की अध्यक्षता में चले धरने को संबोधित करते निर्माण मजदूर राज्य महासचिव नाथुन जमेदार ने कहा कि केंद्र की सरकार मजदूर विरोधी सरकार है. मजदूरों के अधिकारों पर एक सुनियोजित तरीके से हमला जारी है. माकपा जिला मंत्री रणधीर यादव ने मजदूरों के धरने का समर्थन करते कहा कि भारत सरकार 44 मजदूर कानून को समाप्त कर श्रम बिल कोड लाना चाहती है. जिससे मजदूरों के सभी अधिकार छीने चले जाएं. सरकार सामंतवादी कानून बनाकर मजदूरों के साथ घोर अन्याय कर रही है. वहीं निर्माण कामगार यूनियन जिला मंत्री नसीम उद्दीन ने निर्माण मजदूर विरोधी नीतियों को यथाशीघ्र रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा संचालित सैकड़ों योजनाओं की जांच एवं जो आवेदन श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों के पोर्टल पर उपलब्ध है उसका यथाशीघ्र निष्पादन होना चाहिए. उन्होंने बोर्ड के आदेशानुसार ट्रेड यूनियनों, श्रमिक संघों, जनप्रतिनिधियों का समन्वय समिति गठित कर यथाशीघ्र निष्पादन करने की मांग की. साथ ही भवन मरम्मत योजना की राशि बढ़ाकर एक लाख करने, विकलांगता पेंशन की राशि साठ वर्ष पूर्ण होने पर पांच हजार रुपया प्रति माह करने, विवाह सहायता राशि को पुत्रियों के लिए अलग अलग दो दो लाख रुपया करने, चिकित्सा सहायता की राशि तीन हजार का भुगतान करने, पोशाक राशि दो हजार पांच सौ करने की मांग की. धरना में मजदूर नेता कुलानंद कुमार, नसीम मिस्त्री, रामविलास पासवान, बलराम यादव, अर्जुन शर्मा, दिलीप शर्मा, मो असलम, मो आलमीन, मो समरूल, साहेब मुखिया, मीसो देवी, उषा देवी, मालती देवी, कामनी देवी, जयहिंद सादा, मनोज शर्मा, मो सलाम, श्रवण राम सहित अन्य मौजूद थे.
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