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हिंदी संपर्क भाषा के साथ है जन भाषाः डॉ अरूणिमा

हिंदी संपर्क भाषा के साथ है जन भाषाः डॉ अरूणिमा

पीजी सेंटर में हिंदी विभाग द्वारा किया गया सेमिनार सहरसा . हिंदी विभाग पश्चिमी परिसर पीजी सेंटर में सत्र 2024-2026 के विद्यार्थियों के बीच मंगलवार को विभागीय सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ लाला प्रवीण कुमार सिन्हा ने की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिंदी विभाग बनवारी शंकर महाविद्यालय अध्यक्ष अरविंद कुमार झा शामिल हुए. विषय प्रवेश कराते हुए डॉ सिद्धेश्वर काश्यप ने कहा कि हिदी भाषा साहित्य भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक मूल्यों के साथ मानवीय स्वाधीनता, एकता, अखंडता व बंधुता को प्रतिष्ठित करने का सशक्त माध्यम है. डॉ जैनेंद्र ने कहा कि हिंदी साहित्य की भाषा ही नहीं ज्ञान विज्ञान, राजकाज, जन संचार के साथ तकनीकी एवं सामासिक संस्कृति की भाषा है. डॉ अरूणिमा ने कहा कि हिंदी संपर्क भाषा के साथ जन भाषा है एवं साहित्य संस्कृति की भाषा भी है. हिंदी विभाग के विद्यार्थियों ने हिंदी के विविध आयामों पर प्रकाश डाला एवं राष्ट्रीय भाषा के रूप में इसकी महत्ता का चर्चा की. मुख्य अतिथि डॉ अरविंद कुमार झा ने कहा कि हिंदी कामकाज, संपर्क की भाषा के साथ जन सरोकार की भाषा है व इसकी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान है. अध्यक्ष डॉ लाला प्रवीण कुमार सिन्हा ने हिंदी साहित्य में अमीर खुसरो के अवदानों की चर्चा की एवं उन्हें खड़ी बोली के प्रथम कवि के रुप में उदहारण सहित प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ जैनेंद्र कुमार ने किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरूणिमा ने किया.

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