नगर निगम में आवास घोटाला, मामला पहुंचा कोर्ट
जिन्हें मिलना चाहिए योजना का लाभ, वह लिस्ट में हैं सबसे नीचे,पैसे और रसूख वालों लोगों को मिला लाभ
जिन्हें मिलना चाहिए योजना का लाभ, वह लिस्ट में हैं सबसे नीचे,पैसे और रसूख वालों लोगों को मिला लाभ सहरसा . जिसे पक्का का मकान है, दो या तीन मंजिला मकान है, सरकारी कर्मचारी की पत्नी, बेटी या रिश्तेदार हैं तो सहरसा नगर निगम से गरीब या मध्यमवर्गीय आवासहीन जरूरतमंदों को मिलने वाला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ आपको भी मिल सकता है. ऐसा होना योजना का सीधे-सीधे दुरुपयोग करना माना जायेगा, लेकिन कुछ इस तरह का वाकया फिलवक्त सहरसा नगर निगम में देखने को मिल रहा है. वार्ड पार्षदों के ध्यानाकर्षण के बावजूद निगम आयुक्त ने त्वरित कार्रवाई नहीं की और जिसे लाभ नहीं मिलना चाहिए, उसे अनुचित लाभ मिल रहा है. वर्तमान नगर आयुक्त मुमुक्षु चौधरी कहते हैं कि यह योजना उनके समय से पूर्व की है. योजना की स्वीकृति अर्बन डेवलपमेंट विभाग द्वारा ही दी जाती है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही लाभुक को स्वीकृति पत्र दिया जाता है. उन्हें मालूम नहीं कि छठे चरण में कितने लोगों को आवास योजना की स्वीकृति मिली है और अद्यतन स्थिति की जानकारी ले रहे हैं. मामला कैसे पहुंचा कोर्ट बटराहा के निवासी और पार्षद पिता संजय कुमार सिंह द्वारा यह मामला संज्ञान में लाया गया. कुछ व्यक्तियों के नाम, व्यवसाय और उसके दो मंजिला व तीन मंजिली आवाज की जानकारी लेकर सभी दस्तावेज न्यायालय भेजे गये. संजय सिंह कहते हैं कि सरकारी शिक्षक, क्लर्क, सेवानिवृत शिक्षक समेत कई आयकरदाताओं ने भी इस योजना का लाभ लिया है. वह कहते हैं कि यह एक गंभीर मामला है, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना चाहिए वह लिस्ट में सबसे नीचे हैं और पैसे व ऊंचे रसूख वालों ने अपना स्थान लिस्ट में ऊपर बना लिया. मालूम हो कि छठे चरण में हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में 3065 लाभुकों को यह लाभ दिया गया. अब लाभुकों की वर्तमान स्थिति और व्यक्तिगत स्थिति की जानकारी इकट्ठा की गयी और मामला कोर्ट में पहुंच गया. जिसकी सुनवाई आगामी 12 तारीख को होने की संभावना है. मालूम हो कि निगम के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी कई जांच कमेटियां बनी, लेकिन यह थमने का नाम नहीं ले रहा है.
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