सौ ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल सखी के रूप में किया जायेगा प्रशिक्षित
सौ ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल सखी के रूप में किया जायेगा प्रशिक्षित
सहरसा. सोमवार को एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड ने जिले में अपनी फ्लैगशिप कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) परियोजना डिजिटल सखी की शुरुआत की. इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के माध्यम से सशक्त बनाना है, ताकि छोटे व्यवसाय को मजबूती प्रदान कर सके. एलएंडटी फाइनेंस के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, अपूर्वा राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारा उद्देश्य डिजिटल खाई को पाटकर ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाना है. जिले में इस परियोजना का विस्तार करने के बाद यह डिजिटल सखियां अपने समुदायों में स्थायी बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. डिजिटल सखी परियोजना के अंतर्गत सौ ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जायेगा. जो जिले के चार सौ गांवों में 2028 तक 5 लाख से अधिक लोगों तक डिजिटल और वित्तीय शिक्षा का प्रसार करेंगी. इन डिजिटल सखियों का लक्ष्य समुदाय में डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना और एक हजार ग्रामीण महिला उद्यमियों को अपने व्यवसायों को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना है. इस परियोजना को एलटीएफ की मौजूदा साझेदार संस्था, बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से संचालित किया जायेगा. इससे पहले परियोजना को बिहार के सुपौल जिले में सफलतापूर्वक लागू किया गया था. जहां सौ डिजिटल सखियों ने 1.25 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया और 6 सौ महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया. डिजिटल सखी परियोजना की शुरुआत 2017 में हुई थी और तब से अब तक 1,770 से अधिक महिलाओं को डिजिटल सखी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. इस पहल से 45 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला है और 14 हजार से अधिक महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया गया है. वर्तमान में यह परियोजना बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में सक्रिय रूप से चल रही है. मौके पर अपूर्वा राठौड़ द्वारा चयनित सखी को टैबलेट प्रदान किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है