प्रतिनिधि, बनमा ईटहरी. प्रखंड का मध्य विद्यालय सरबेला मुसहरी व उच्च माध्यमिक विद्यालय सरबेला स्कूल हमेशा से सुर्खियों में रहा है. कभी शिक्षक के नहीं आने पर, कभी भोजन सामग्री में कीड़ा मिलने पर तो कभी शिक्षकों के सोने का वीडियो समेत अन्य मामलों को लेकर. इस बार पंचायत समिति सदस्य बनाम शिक्षक के बीच जंग जारी है. स्कूल की कुव्यवस्था को लेकर सरबेला पंचायत समिति गजेंद्र शर्मा लगातार आवाज उठाते रहे हैं. इसे लेकर शिक्षक इन दिनों उनसे परेशान हैं. स्कूल के रसोईया ने पंचायत समिति गजेंद्र शर्मा पर मारपीट व गाली-गलौज जैसे आरोप लगाकर स्थानीय थाने में आवेदन शनिवार को दिया था. जैसे ही ग्रामीणों को यह बात पता चली तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने सामुदायिक भवन सरबेला में इकट्ठा होकर स्कूल के प्रधानाध्यापक व रसोईया समेत व्याप्त अराजकता के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में समय से तो शिक्षक आते हैं. बाहर से जो शिक्षक आते हैं, वह रहते हैं. स्थानीय शिक्षक हाजिरी बनाते हैं और चले जाते हैं. क्योंकि उन्हें प्रधानाध्यापक का सहयोग मिलता है. मध्याह्न भोजन में बराबर कीड़ा रहता है. मीनू के हिसाब से बच्चों को भोजन नहीं दिया जाता है. बीपीएससी से बहाल हुए शिक्षक हमेशा मोबाइल में मशगूल रहते हैं. उन्हें बच्चों की पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है. स्कूल में दो प्रधानाध्यापक मनोज चौधरी व सत्यनारायण चौधरी हैं. ज्यादातर स्कूल के कामकाज में मनोज चौधरी का ही दबदबा रहता है. उन्होंने बताया कि इन्हीं सब बातों को लेकर जब पंचायत समिति गजेंद्र शर्मा बच्चों की शिकायत पर पहुंचते हैं तो स्कूल के शिक्षक उनसे लड़ते व धमकी देते हैं कि आप किस हैसियत से स्कूल आते हैं. इधर पंचायत समिति गजेंद्र शर्मा ने भी रविवार को स्थानीय थाने में आवेदन देकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदन में कहा कि मध्य विद्यालय सरबेला मुसहरी के बच्चों द्वारा खाना में कीड़ा निकलने संबंधित समेत अन्य शिकायत मिलने पर जब शनिवार दोपहर बाद तहकीकात करने विद्यालय पहुंचे तो कई प्रकार की खामियां जैसे विद्यालय में रसोइया के पद पर कार्यरत कुल 6 रसोईयों में से कई रसोईया उपस्थिति बनाकर विद्यालय से गायब थी. वहीं रसोईघर में साफ -सफाइ भी नहीं की जा रही थी. साथ ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय सरबेला में कई शिक्षक-शिक्षीकाओं का अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही एंव कुछ शिक्षक की उपस्थिति बनाकर विद्यालय से गायब रहने संबंधी बातें उजागर हुई. वहीं बीते माह 13 जुलाई को हमारे द्वारा विद्यालय के कुव्यवस्था के कुछ वीडियो वायरल करना विद्यालय कर्मी व शिक्षक -शिक्षीकाओं को नागवार गुजरा व कुछ राजनीतिक विरोधियों को अपने पक्ष में लाकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचने लगे उन्होंने स्थानीय थाने में आवेदन देकर अपने जानमाल सुरक्षा की गुहार लगायी है. उन्होंने कहा कि रसोईया के साथ मेरे द्वारा कोई मारपीट व गाली गलौज नहीं की गयी है. सारे आरोप बेबुनियाद हैं. प्रशासन अपने स्तर से जांच करे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है