सस्ता तथा सुलभ तरीके से उपलब्ध हो जाता है नशीला सिरप

सस्ता तथा सुलभ तरीके से उपलब्ध हो जाता है नशीला सिरप

By Prabhat Khabar News Desk | October 20, 2024 6:38 PM

अधिकांश चाय-पान की गुमटियों पर लगा रहता है युवाओं का जमघट पतरघट. नशेड़ियों तथा शराब तस्करों के खिलाफ पुलिस तथा उत्पाद विभाग द्वारा चलाये जा रहे धड़ पकड़ अभियान का असर धरातल पर आज भी पूरी तरह से कामयाब होता नहीं दिखाई पड़ रहा है. जिसके कारण आज के अधिकांश युवाओं ने नशे की लत के कारण देसी चुलाई शराब, अफीम, स्मैक, कोडिनयुक्त नशीली विसकप सिरप की ओर अपना रूख मोड़ दिया है. पस्तपार बाजार स्थित मुख्य चौराहे पर स्थित अधिकांश चाय-पान की गुमटियों पर 18 साल से 25 साल तक के युवा सुबह से लेकर शाम तक जमघट लगा कर बैठे रहते हैं. चाय-पान की गुमटियों पर चाय-सिगरेट के साथ कोरेक्स सिरफ सस्ता तथा सुलभ तरीके से उपलब्ध हो जाता है. स्मैक तथा कोडिनयुक्त नशीली कफ सिरप की अत्यधिक खपत होने से पस्तपार बाजार इन दिनों कोरेक्स सिरफ तथा स्मैक सप्लाई का प्रमुख अड्डा बन गया है. अधिकांश चाय-पान की गुमटियों के पीछे कोरेक्स की खाली बोतलों का ढेर लगा हुआ रहता है. यहां के युवाओं में नशे की लत व खपत के कारण नशीली दवाओं का सप्लायर बाजार में पूरी तरह से सक्रिय रहते हैं. चाय के साथ कोरेक्स का सेवन युवाओं का शगल बनता जा रहा है. पस्तपार पुलिस का अधिकांश समय देसी चुलाई शराब के साथ विदेशी शराब की अवैध बिक्री व शराबियों की धड पकड़ में ही गुजर जाता है. जानकारी के अनुसार 100 एमएल कोरेक्स सिरफ का एक बोतल की एमआरपी लगभग 109 रुपया के करीब आती है. जो थोक में प्रति बोतल 70 रुपये में कारोबारी को आसानी से उपलब्ध हो जाता है. लेकिन यह बाजार में प्रति बोतल 170 से 180 रुपये में बिक जाता है. एक तो दोगुना लाभ व दूसरा बोतल छोटी होने की वजह से इसे छुपाने ओर बेचने में काफी सहुलियत होती है. नशेड़ियों का इसके लिए कोड वर्ड फाइल है. यह पीने के बाद युवाओं का मन मस्तिष्क का संतुलन भटक जाता है और वह सोचने समझने की क्षमता खो बैठता है. जिसका परिणाम यह होता है कि इसका सेवन करने वाले गिरोह के युवा सेवन के बाद आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर क्षेत्र में दहशत मचा रहे हैं.

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