मंगलवार की अहले सुबह आईपीएस हर्षवर्धन सिंह का शव पहुंचा फतेहपुर डीआइजी, एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने की पुष्पांजलि अर्पित सोनवर्षाराज. कर्नाटक के हासन जिले में सड़क हादसे में 27 वर्षीय आईपीएस हर्षवर्धन सिंह की मौत बाद मंगलवार की अहले सुबह उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. जहां उनके अंतिम दर्शन को लेकर लोगों की भीड़ जुटने लगी. जिसके बाद पुलिस सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी. मृतक आईपीएस अफसर हर्षवर्धन सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए कर्नाटक के डीआईजी एस हरि प्रसाथ के अलावा कई अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी व आईपीएस हर्षवर्धन सिंह के बैच से जुड़े उनके मित्र फतेहपुर गांव पहुंचे हुए थे. इसके अलावा कोसी प्रक्षेत्र के डीआईजी मनोज कुमार, एसपी हिमांशु, डीडीसी संजय कुमार निराला, एसडीओ प्रदीप कुमार झा, सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर, सिमरी बख्तियारपुर इंस्पेक्टर मो सुजाउद्दीन समैत अन्य पदाधिकारी फतेहपुर गांव पहुंच शोकाकुल परिजनों से मिल शोक व्यक्त करते हुए पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. मालूम हो कि पड़रिया पंचायत के फतेहपुर गांव निवासी अखिलेश कुमार सिंह के 27 वर्षीय पुत्र आईपीएस अफसर हर्षवर्धन सिंह कर्नाटक कैडर के 2023 बैच के आईपीएस थे. जो स्थायी रूप से मध्य प्रदेश में रह रहे थे. हर्षवर्धन सिंह अपनी पहली पोस्टिंग को लेकर ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए बीते रविवार को पुलिस की गाड़ी से होलेनरसीपुर जा रहे थे. बताया जाता है कि होलेनरसीपुर से करीब 15 किलोमीटर पहले गाड़ी का टायर फट गया, फिर ड्राइवर से गाड़ी अनियंत्रित हो गयी. इसके बाद गाड़ी रोड के किनारे एक घर से टकराते हुए पेड़ से जा भिड़ी. हादसे में अधिकारी के सिर में गंभीर चोट लगी. उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गयी. इंदौर से की थी पढ़ाई पूरी आईपीएस अफसर हर्षवर्धन सिंह ने इंदौर से पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद हाल में मैसूर स्थित कर्नाटक पुलिस एकेडमी से चार सप्ताह की अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी. हर्षवर्धन बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक कार्यभार संभालने वाले थे. उनके पिता मध्य प्रदेश में एसडीएम है. जबकि छोटा भाई आनंद वर्धन आईआईटी इंजीनियर है और यूपीएसी की तैयारी कर रहे हैं. अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग हुए शामिल युवा आईपीएस अफसर की मौत की खबर मिलने व पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने की खबर मिलते ही आसपास के इलाके के लोग फतेहपुर पहुंचने लगे. जिसके बाद सैकड़ो लोगों की भीड़ अंतिम यात्रा में शामिल हुई. इस दौरान परिजनों के विलाप से पूरा माहौल गमगीन बना हुआ था.
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